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SEBI इंडेक्स ऑप्शंस में इंट्राडे पोजीशंस की लिमिट बढ़ा सकता है, जानिए क्या है रेगुलेटर का पूरा प्लान

SEBI ने निफ्टी और सेंसेक्स कॉन्ट्रैक्ट्स में हालिया एक्सपायरी-डे डेटा की जांच की है। उसने पाया कि इंट्राडे ट्रेड के दौरान पोजीशंस तय लिमिट से ज्यादा रहे हैं। उदाहरण के लिए 7 अगस्त को एक्सपायरी डे पर निफ्टी में टॉप नेट लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशंस क्रमश: 4,245 करोड़ और 5,409 करोड़ तक पहुंच गए

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 20, 2025 पर 9:58 AM
SEBI इंडेक्स ऑप्शंस में इंट्राडे पोजीशंस की लिमिट बढ़ा सकता है, जानिए क्या है रेगुलेटर का पूरा प्लान
रेगुलेटर ने यह साफ किया है कि कैश, कैश इक्विवैलेंट या सिक्योरिटीज होल्डिंग्स की बैकिंग वाले एडिशनल पोजीशंस को इजाजत होगी।

सेबी इंडेक्स ऑप्शंस में इंट्राडे पोजीशन लिमिट पर विचार कर रहा है। रेगुलेटर का फोकस खासकर एक्सपायरी डेज पर होने वाली काफी ज्यादा ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने पर है। इस मामले से जुड़े लोगों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। अभी इंट्राडे पोजीशंस के लिए कोई लिमिट नहीं है। हालांकि, एक्सचेंज इंडेक्स ऑप्शंस के लिए इंट्राडे एंड-ऑफ-डे लिमिट्स की मॉनटरिंग करते हैं। नेट डेल्टा (फ्यूचर्स इक्विवैलेंट) आधार पर यह 1,500 करोड़ और ग्रॉस बेसिस पर 10,000 करोड़ रुपये है।

सेबी ने की एक्सपायरी-डे डेटा की जांच 

SEBI ने निफ्टी और सेंसेक्स कॉन्ट्रैक्ट्स में हालिया एक्सपायरी-डे डेटा की जांच की है। उसने पाया कि इंट्राडे ट्रेड के दौरान पोजीशंस इन लेवल्स से ज्यादा रहे हैं। उदाहरण के लिए 7 अगस्त को एक्सपायरी डे पर निफ्टी में टॉप नेट लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशंस क्रमश: 4,245 करोड़ और 5,409 करोड़ तक पहुंच गए। ग्रॉस पोजीशंस लॉन्ग में 10,192 करोड़ और शॉर्ट में 11,777 करोड़ रुपये तक पहुंच गए। 5 अगस्त को Sensex में एक्सपायरी डे की बात करें तो टॉप नेट लॉन्ग पोजीशन 2,249 करोड़ रुपये था, जबकि टॉप नेट शॉर्ट पोजीशन 3,055 करोड़ रुपये था। टॉप ग्रॉस लॉन्ग पोजीशन 11,831 करोड़ और टॉप ग्रॉस शॉर्ट पोजीशन 9,647 करोड़ रुपये था।

इंट्राडे मॉनटरिंग की सीमा 5000 करोड़ की जा सकती है

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