शेयर बाजार में 2023 की पहली गिरावट, सेंसेक्स 600 अंक से अधिक लुढ़का, जानें क्या रहा इसके पीछे का कारण
भारतीय शेयर बाजार में बुधवार 4 जनवरी को एक सपाट शुरुआत के बाद तेज गिरावट देखी गई। ग्लोबल स्तर पर कुछ चिंताओं के बढ़ने और निवेशकों की तरफ से थोड़ी मुनाफावसूली इसका प्रमुख कारण रही। दोपहर तक, सेंसेक्स 638.80 अंक या 1.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,655.40 अंक पर और निफ्टी 191 अंक या 1.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,041.50 के स्तर पर चला गया था
निवेशक अमेरिकी केंद्रीय बैंक की दिसंबर बैठक से जुड़ी जानकारी पर बारीकी से निगाह लगाए हुए हैं
भारतीय शेयर बाजार में बुधवार 4 जनवरी को एक सपाट शुरुआत के बाद तेज गिरावट देखी गई। ग्लोबल स्तर पर कुछ चिंताओं के बढ़ने और निवेशकों की तरफ से थोड़ी मुनाफावसूली इसका प्रमुख कारण रही। दोपहर तक, सेंसेक्स 638.80 अंक या 1.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,655.40 अंक पर और निफ्टी 191 अंक या 1.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,041.50 के स्तर पर चला गया था। करीब 980 शेयरों में तेजी के साथ कारोबार हो रहा था, जबकि 2177 शेयरों में गिरावट आई और 127 शेयर बिना किसी बदलाव के सपाट कारोबार कर रहे थे।
ग्लोबल स्तर पर, निवेशक अमेरिकी केंद्रीय बैंक के फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की दिसंबर बैठक से जुड़ी जानकारी पर बारीकी से निगाह लगाए हुए हैं, जो नए साल में ब्याज दर में बढ़ोतरी पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक के रुख का संकेत देगा। भारतीय समयनुसार ये जानकारी आज देर रात तक आएगी।
आइए उन कारणों पर एक नजर डालते हैं जिनके चलते आज बाजार में गिरावट आई-
FOMC बैठक की जानकारी
फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की 13-14 दिसंबर को हुई बैठक के बाद, अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। यह इसके पिछले बैठक में हुई 0.75% की बढ़ोतरी के मुकाबले कम था, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने महंगाई में बढ़ोतरी को को लेकर नए अनुमान जारी किए थे। अधिकारी अब अपने मीडियन पूर्वानुमान के मुताबिक, महंगाई को 2023 में 3.1 प्रतिशत पर समाप्त होते हुए देख रहे हैं, जबकि सितंबर में जारी पिछले पूर्वानुमान में इसे 2.8 प्रतिशत बताया गया था।
वॉल स्ट्रीट के लिए साल 2023 का पहला कारोबारी सत्र मंगलवार 3 जनवरी को था। पहले ही दिन न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स Nasdaq 0.76 प्रतिशत गिरा। वहीं डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज और S&P 500 क्रमशः 0.03 प्रतिशत और 0.4 प्रतिशत फिसल गए। S&P के 11 प्रमुख सेक्टरों में से छह गिरावट के साथ बंद हुए, जिसमें सबसे अधिक गिरावट एनर्जी में रही।
मंदी को लेकर IMF की भविष्यवाणी
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की चीफ, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि दुनिया का एक तिहाई हिस्सा मंदी में हो सकता है और यहां तक कि जो देश मंदी में नहीं हैं, वहां भी लाखों लोगों की आबादी मंदी की चपेट को महसूस करेगी। उन्होंने सीबीएस को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और चीन की इकोनॉमी इस साल धीमी होगी। ऐसे में साल 2023 पिछले साल की तुलना में कठिन हो सकता है।"
क्रूड ऑयल की कीमत 80 डॉलर के ऊपर बनी हुई है
पिछले सत्र में गिरावट के बाद बुधवार को तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। मार्च डिलीवरी के लिए ब्रेंट फ्यूचर्स की कीमत आज 6 सेंट बढ़कर 82.16 डॉलर प्रति बैरल हो गया। दोपहर 12 बजे WTI ऑयल 76.91 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था।
चीन ने 2023 के लिए पहले बैच में रिफाइंड तेल उत्पादों के लिए निर्यात कोटा बढ़ाया है, जो उसकी घरेलू मांग में गिरावट को दर्शाता है। इसके अलावा डॉलर इंडेक्स में भी आज तेजी आई और एक बार फिर यह 104 के स्तर को पार कर गया।
मुनाफा-वसूली
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल के रिसर्च हेड, सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "बाजार पिछले कुछ दिनों से 18,000-18,200 के सीमित दायरे में चल रहा है। बैंक और मेटल जैसे कुछ सेक्टर्स में खरीदारी हुई है, जिसमें आज मुनाफावसूली देखी जा रही है।" कारोबार में निफ्टी बैंक 1.05 फीसदी, निफ्टी पीएसयू बैंक 1.8 फीसदी और निफ्टी मेटल 2 फीसदी नीचे है।
सैमको सिक्योरिटीज के तकनीकी विश्लेषक रोहन पाटिल ने कहा, "निफ्टी ऊपर की तरफ 18,400 के स्तर पर मजबूत रेजिस्टेंस का सामना कर रहा है। वहीं नीचे की तरफ इसे लगभग 18,080-18000 के स्तर पर अच्छा सपोर्ट हासिल है।"
डिस्क्लेमरःयहां दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह, निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और रॉय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।