Vedanta Shares: वेदांता ग्रुप की अपनी सहयोगी कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की योजनाओं को झटका लगा है। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने वेदांता ग्रुप की सहयोगी कंपनी स्टरलाइट इलेक्ट्रिक (Sterlite Electric) के इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) को मंजूरी नहीं देकर उसके होल्ड पर डाल दिया है। सेबी की वेबसाइट पर सोमवार को जारी अपडेट के अनुसार, यह पब्लिक लिस्टिंग फिलहाल “on hold” कर दी गई है।
वेदांता ग्रुप के इस यूनिट ने अक्टूबर की शुरुआत में SEBI के पास अपने IPO के लिए ड्राफ्ट पेपर्स (DRHP) दाखिल किए थे। कंपनी की योजना थी कि वह 7.8 मिलियन (करीब 77.93 लाख) नए शेयर जारी करेगी। साथ ही इतनी ही संख्या में मौजूदा शेयरधारकों की ओर से भी ऑफर-फॉर-सेल (OFS) लाया जाएगा।
हालांकि, अब सेबी ने इस प्रस्ताव को रोक दिया है, और कारणों का खुलासा नहीं किया गया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वेदांता ग्रुप ने सेबी के फैसले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
इस फैसले के बावजूद, भारत का IPO बाजार फिलहाल बेहद सक्रिय बना हुआ है। एक आंकड़े के मुताबिक, साल 2025 के पहले नौ महीनों में देश की 240 से अधिक बड़ी और मिड-साइज कंपनियों ने 10.5 अरब डॉलर (लगभग 87,000 करोड़ रुपये) से अधिक की पूंजी जुटाई है।
इस प्रदर्शन के साथ भारत, IPO के जरिए फंड जुटाने के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। वहीं, अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच भारतीय शेयर मार्केट से 8 अरब डॉलर तक की नई पूंजी जुटाने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्टरलाइट इलेक्ट्रिक के मामले में
स्टरलाइट इलेक्ट्रिक को पहले स्टरलाइन पावर ट्रांसमिशन के नाम से जाना जाता था। यह वेदांता ग्रुप की प्रमुख कंपनियों में से एक है। यह कंपनी इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन, स्मार्ट ग्रिड सॉल्यूशंस और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में काम करती है। इसके आईपीओ को Vedanta के लिए अपने बिजनेस को मजबूत करने और कर्ज कम करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा था।
फिलहाल सेबी ने स्टरलाइट इलेक्ट्रिक के IPO को हरी झंडी नहीं दी है। इसका मतलब है कि जब तक सेबी मंजूरी नहीं देती, कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ा सकती। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेबी के इस फैसले के पीछे डॉक्यूमेंटेशन, कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर या रेगुलेटरी क्लियरेंस से जुड़ी कोई तकनीकी वजह हो सकती है। हालांकि, अगर कंपनी आवश्यक सुधार करती है, तो आने वाले महीनों में इसे फिर से सेबी की मंजूरी मिल सकती है।
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