RBI की मॉनेटरी पॉलिसी ने 6 अप्रैल को चौंकाया है। केंद्रीय बैंक की MPC ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का फैसला नहीं किया। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने लगातार छह बार रेपो रेट बढ़ाया था। हालांकि, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इनफ्लेशन के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। MPC ने accommodative Policy वापस लेने के अपने रुख को भी बनाए रखा। इसका मतलब है कि वह जरूरत पड़ने पर कड़े फैसले ले सकती है। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब ग्लोलबल इकोनॉमी मुश्किल का सामना कर रही है तब RBI इंडियन इकोनॉमी में माहौल पॉजिटिव बनाए रखना चाहता है।]
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी निलेश शाह ने कहा, "RBI का इंटरेस्ट रेट वृद्धि पर ब्रेक लगाने का फैसला खराब पिच पर तेंदुलकर के शानदार स्ट्रोक की तरह है। एक बार बॉल पर आंखें जम जाने के बाद तेंदुलकर जहां मर्जी वहा स्ट्रोक लगाते थे। RBI के पास इंटरेस्ट रेट बढ़ाने या नहीं बढ़ाने दोनों ही विकल्प था। ऐसा नहीं है कि इस ब्रेक की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी।"
इकोनॉमी से जुड़े डेटा पर रहेगी नजर
उन्होंने कहा कि RBI अगली मॉनेटरी पॉलिसी में फैसला लेने से पहले इकोनॉमी से जुड़े डेटा को देखेगा। मार्केट यह उम्मीद करता है कि इनफ्लेशन के खिलाफ लड़ाई में RBI इतना ज्यादा रन बनाए कि उसकी जीत पक्की हो जाए। इस दौरान RBI किस दिशा में शॉट लगाता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
बैंकिंग सेक्टर के लिए पॉजिटिव
इनवेस्टमेंट एडवायजरी फर्म Wright Research के फाउंडर सोनम श्रीवास्तव ने कहा कि बैंकिंग और एनबीएफसी सेक्टर के लिए RBI का फैसला पॉजिटिव है। इससे रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे दूसरे सेक्टर को भी फायदा होने की उम्मीद है। हालांकि, इनफ्लेशन का ऊंचा स्तर और ग्लोबल बैंकिंग क्राइसिस को लेकर चिंता बनी हुई है।
मार्केट की नजरें अगली पॉलिसी पर
उन्होंने कहा कि अगर स्टॉक मार्केट के लिहाज से देखा जाए तो इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ाने का असर मार्केट पर पॉजिटिव पड़ेगा। खासकर बैंकिंग सेक्टर के लिए यह फैसला अच्छा है। एकोमोडेटिव पॉलिसी को धीरे-धीरे वापस लेने के RBI के रुख का भी मार्केट पर अच्छा असर पड़ेगा। इससे इकोनॉमी में लंबी अवधि में स्थिरिता लाने में मदद मिलेगी। हालांकि, मार्केट की करीबी नजर शक्तिकांत दास के आगे आने वाले ऐलान पर होगी।
इनफ्लेशन अनुमान से कम रह सकता है
ट्रस्ट म्यूचुअल फंड्स के सीईओ संदीप बागला ने कहा कि इस पॉलिसी में कुछ भी आक्रामक नहीं है। RBI की MPC ने सिर्फ ब्रेक लगाया है। उसने मार्केट के अनुमान के उलट रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। हमारा मानना है कि जीडीपी और इनफ्लेशन RBI के क्रमश: 6.5 फीसदी और 5.2 फीसदी के अनुमान से कम रहेंगे। हालांकि, इनफ्लेशन में मौजूदा स्तर से नरमी आने की उम्मीद है।