RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 6 अप्रैल को एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने UPI का दायरा बढ़ाने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अब इसके दायरे में बैंकों की तरफ से प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन भी आएगी। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक की इस पहल से इनोवेशन को बढ़ावा मिलेग साथ ही UPI का इस्तेमाल करने वाले लोगों को काफी फायदा होगा। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने पिछले कुछ सालों में UPI का इस्तेमाल बढ़ाने पर काफी जोर दिया है। इसका सीधा फायदा आम लोगों को हुआ है।
शक्तिकांत दास ने क्या कहा?
RBI के गवर्नर ने कहा, "पिछली कुछ पॉलिसीज में हमने UPI से जुड़े कई अहम ऐलान किए हैं। UPI के लगातार बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए समय-समय पर नए प्रोडक्ट्स और फीचर तैयार करने की कोशिश की गई है।" सवाल है कि 6 अप्रैल को RBI गवर्नर के इस ऐलान से आम लोगों को कितना फायदा होगा। दरअसल, केंद्रीय बैंक के इस ऐलान का मतलब है कि ग्राहक अब बैंकों से डिजिटल क्रेडिट लाइन हासिल कर सकेंगे। माना जा रहा है कि RBI इस सुविधा यानी UPI से पेमेंट के लिए एक लोन अकाउंट क्रिएट कर सकता है।
इस सुविधा से बैंकों के ऐसे ग्राहकों को भी UPI के जरिए छोटी अवधि के लोन या पर्सनल लोन मिल सकेगा, जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है। FIS में बैंकिंग एंड पेमेंट के इंडिया हेड ऑफ डेवलपमेंट राजश्री रेंगन ने कहा, "यह डिजिटल और एफिशिएंट बैंकिंग इकोसिस्टम की दिशा में एक अहम कदम है।" उन्होंने कहा कि इससे ग्राहक के लोन हासिल करने में मिलने वाला समय घट जाएगा। साथ ही उसे बहुत आसानी से लोन मिल जाएगा।
डिजिटल लेंडिंग और बीएनपीएल स्पेस में आएगी क्रांति
FIS में बैंकिंग हेड हरीश प्रसाद ने कहा कि UPI के जरिए प्री-सेंक्शंड क्रेडिट लाइन तक पहुंच एक ऐसा फैसला है, जिसे मील का पत्थर कहा जा सकता है। इससे डिजिटल लेंडिंग और बीएनपीएल स्पेस में क्रांति आ सकती है। इससे पहले क्रेडिट लाइन और लोन के मामले में प्रीपेड वॉलेट्स और कार्ड्स पर प्रतिबंध लगाए गए थे। कई बीएनपीएल प्लेयर्स को यूजर को बेहतर पर्चेज एक्सपीरियंस देने में दिक्कत आती थी।
प्रसाद ने कहा, "क्रेडिट लाइन के लिए UPI का चैनल खुल जाने से प्वाइंट्स ऑफ पर्चेज क्रेडिट एक्सपीरियंस बहुत अच्छा हो जाएगा। इससे काफी ज्यादा मर्चेंट बेस पर क्रेडिट के इस्तेमाल का रास्ता खुल जाएगा। इससे बीएनपीएल सेक्टर में बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है।"
तेजी से बढ़ रहा UPI का इस्तेमाल
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, मार्च में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर ट्रांजेक्शन 60 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 8.7 फीसदी पहुंच गया। वैल्यू के लिहाज से पेमेंट 46 फीसदी बढ़कर 14.05 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।