भुवन भास्कर
भुवन भास्कर
भारतीय शेयर बाजार से जुड़े हर व्यक्ति के मन में कहीं न कहीं यह सवाल है कि क्या गिरावट का सबसे बुरा दौर खत्म हो चुका है? क्या यह सही समय है जब वापस बाजार में निवेश शुरू करना चाहिए?
शुक्रवार 22 जुलाई को निफ्टी 16719 पर बंद हुआ, जो कि 17 जून को बने 15293 के निम्नतम स्तर से लगभग 10% ऊपर है।
दैनिक आधार पर छोटी अवधि के टेक्निकल चार्ट को देखा जाए तो 17 जून से 22 जुलाई के बीच निफ्टी ने हायर टॉप और हायर बॉटम की फॉर्मेशन बनाई है जो तेजी का पैटर्न है। निफ्टी 17 से 27 जून तक चढ़ने के बाद गिरा और 1 जुलाई को बॉटम बना कर 8 जुलाई तक चढ़ता गया। अंकों के लिहाज से 27 जून को 15832 की क्लोजिंग देने के बाद इसका अगला टॉप 8 जुलाई को 16220 का बना।
इसी तरह नीचे 1 जुलाई को 15752 का बॉटम बनाने के बाद जब यह 8 जुलाई को फिर गिरा, तो 14 जुलाई को 15938 से वापस लौटा। यानी तकनीकी भाषा में 8 जुलाई का टॉप, 27 जून के टॉप से ऊपर था और 14 जुलाई का बॉटम 1 जुलाई के बॉटम से ऊपर था। 14 जुलाई से बाजार में जो बढ़त शुरू हुई तो वह शुक्रवार तक लगातार जारी है।
तो क्या शेयर बाजार गिरने का दौर खत्म हुआ?
तो क्या माना जाए कि बाजार में गिरावट का दौर खत्म हो गया है? इसकी पुष्टि के लिए हफ्ते के चार्ट पर नजर डालना होगा। निफ्टी ने 11 अक्टूबर के हफ्ते में 18338 की ऑलटाइम हाई क्लोजिंग दी थी, जिसके बाद गिरावट की शुरुआत हुई। इसके बाद से बाजार ने 20 दिसंबर, 28 फरवरी, 9 मई और 13 जून के हफ्तों में चार बॉटम बनाए।
9 मई को हालांकि डबल बॉटम फॉर्मेशन बना, लेकिन यह टिक न सका और 13 जून को फिर एक निचला स्तर बना। जहां तक टॉप की बात है तो 18 जुलाई यानी पिछले हफ्ते का टॉप बहुत ही महत्वपूर्ण स्तर है और इस हफ्ते में निफ्टी की चाल बहुत हद तक आगे का संकेत दे देगी। इसलिए कि शुक्रवार की निफ्टी की क्लोजिंग ने दैनिक और हफ्ते, दोनों चार्ट पर अपने पिछले टॉप के बिलकुल करीब है।
दैनिक चार्ट पर निफ्टी ने 3 जून को 16793 का अधिकतम स्तर छुआ था जबकि 22 जुलाई को निफ्टी का अधिकतम स्तर 16752 था। यही हाल हफ्ते के चार्ट पर भी दिख रहा है जहां ये दोनों स्तर 30 मई और 18 जुलाई के हफ्ते के उच्चतम स्तर हैं।
शुक्रवार को बाजार में बनाया डबल टॉप चार्ट
यानी टेक्निकल एनालिसिस की भाषा में शुक्रवार को निफ्टी के स्तर ने दैनिक और साप्ताहिक, दोनों चार्ट पर डबल टॉप बनाया है और इसलिए यह स्तर निफ्टी के लिए बहुत मजबूत रेजिस्टेंस हो सकता है। लेकिन यहां तेजी के पक्षकारों के लिए एक उम्मीद मासिक चार्ट से आ रही है।
मासिक चार्ट पर जुलाई के तीन हफ्तों की चाल ने बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न बनाया है और यदि इस हफ्ते के बाद निफ्टी 16600 के ऊपर बंद होता है, तो इस पैटर्न की पुष्टि हो जाएगी। और इसका मतलब यह होगा कि भले ही अगस्त महीने में निफ्टी के इन स्तरों पर संघर्ष दिखे, लेकिन मध्यम अवधि में बाजार तेजी की राह ले लेगा।
और यदि निफ्टी अगले हफ्ते 16800 के ऊपर बंद होने में कामयाब होता है, तो यह दैनिक और साप्ताहिक चार्ट पर 16750-16800 के दायरे में जो डबल टॉप अभी मजबूत रेजिस्टेंस के रूप में दिख रहा है, वह एक उतना ही मजबूत सपोर्ट बन जाएगा और अगस्त में निफ्टी में तेज उछाल देखने को मिल सकता है।
बाजार के फंडामेंटल्स भी स्थिति में सुधार का संकेत कर रहे हैं। सितंबर 2021 में आखिरी बार FIIs ने मासिक आधार पर 913 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की थी। इसके बाद से जून 2022 तक FIIs ने कुल मिलाकर 3,84,373 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जबकि DIIs ने 2,97,256 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। यानी बाजार से कुल 87,000 करोड़ रुपये बाहर गए, जिसका परिणाम बाजार में गिरावट के रूप में देखने को मिला है।
खास बात यह है कि पिछले साल सितंबर के बाद से FIIs की बिकवाली लगातार बढ़ती गई। अक्टूबर में यह बिकवाली 25,572 करोड़ थी, जो कि नवंबर-दिसंबर में 35-40 हजार करोड़ रुपये के दायरे में पहुंच गई। जनवरी-अप्रैल तक FIIs की बिकवाली बढ़कर 40-45 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई और मई तथा जून में यह बिकवाली क्रमशः 54,292 करोड़ रुपये और 58,112 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
हालांकि अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि FIIs की रुचि भारतीय बाजारों में धीरे-धीरे वापस लौटने लगी है। जुलाई के शुरुआती 3 हफ्तों में FIIs की कुल बिकवाली 6,421 करोड़ रुपये की रही है। यदि पिछले हफ्ते के आंकड़े देखें तो सोमवार से गुरुवार तक लगातार 4 दिनों तक FIIs ने 4,700 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
साल 2022 में यह सिर्फ तीसरा मौका है जब FIIs ने लगातार 4 दिनों में खरीदारी की। भारतीय बाजारों की चाल किस तरह FIIs की खरीदारी या बिकवाली से सीधे तौर पर जुड़ी है, यह खरीदारी के इन दिनों से एक बार फिर साफ हो रही है। निफ्टी ने 18 से 21 जुलाई के बीच 3.46% की तेजी दर्ज की है।
इससे पहले जब 29 मार्च से 5 अप्रैल तक लगातार 6 कारोबारी सत्रों में FIIs ने 7919 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी, उस समय निफ्टी 50 में 4.27% की बढ़त दिखी थी। एक और खास बात यह है कि पिछले एक महीने में निफ्टी मिडकैप में 12.73% का उछाल आया है जो कि बेंचमार्क से भी ज्यादा है। यह अपने आप में इस बात का संकेत है कि बाजार में वैल्यू पिकिंग शुरू हो गई है और जो बढ़त आ रही है, वह विस्तृत है।
इन सारे फंडामेंटल और टेक्निकल संकेतों को एक साथ मिलाकर देखा जाए तो यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि 14 जुलाई को निफ्टी में बना 15858 का पिछला निम्नतम स्तर अगले कुछ हफ्तों के लिए तो टूटना मुश्किल लग रहा है और यदि अर्थव्यवस्था के लिए कोई बहुत नकारात्मक खबर न आए, तो बहुत संभव है कि यह निचला स्तर फिर देखने को न मिले।
(लेखक कृषि और शेयर बाजार के एक्सपर्ट हैं)
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।