बिहार में NDA हारा तो 5-7% गिर सकता है सेंसेक्स, शेयर बाजार को सता रहा यह डर

बिहार के चुनाव नतीजों का असर सभी सेक्टर्स पर समान नहीं रहेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस और PSU स्टॉक्स पर शॉर्ट-टर्म में दबाव देखने को मिल सकता है क्योंकि ये शेयर सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर और पॉलिसी के स्तर पर मिलने वाले सपोर्ट का फायदा ले रहे हैं

अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 8:28 AM
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Bihar Chunav: इनक्रीड का कहना है कि NDA की हार से निवेशकों में राजनीतिक स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ सकती है

Bihar Election Results on Share Markets: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही शेयर बाजार में हलचल तेज हो गई है। एग्जिट पोल में एनडीए (NDA) की जीत के संकेत के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में बुधवार को तेज उछाल देखी गई थी। लेकिन मार्केट एक्सपर्ट्स अगर नतीजे एग्जिट पोल से अलग निकले, तो निफ्टी में 5-7 प्रतिशत की तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।

ब्रोकरेज फर्म इनक्रीड रिसर्च (InCred Research) ने अपनी स्ट्रैटेजी रिपोर्ट में कहा है कि अगर बिहार में एनडीए सत्ता से बाहर होता है और विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है, तो निवेशक किसी अनिश्चितता की डर से बाजार में बिकवाली कर सकते हैं। ब्रोकरेज ने इसे 'गठबंधन डिस्काउंट  (Coalition Discount)' का नाम दिया है।

इनक्रीड की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू की अगुआई वाले NDA गठबंधन की हार से निवेशकों में राजनीतिक स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ सकती है। रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि ऐसी स्थिति में सेंसेक्स और निफ्टी में 5 से 7 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल सकती है।


हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह गिरावट शॉर्ट-टर्म हो सकती है, बशर्ते नई सरकार वित्तीय अनुशासन और पॉलिसी में निरंतरता को बनाए रखने की कोशिश करें। रिपोर्ट में कहा गया है, “मीडियम और लॉन्ग-टर्म में यह मायने नहीं रखता कि कौन सत्ता में है, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि नई सरकार सुधारों की निरंतरता और वित्तीय अनुशासन के प्रति कितनी प्रतिबद्ध रहती है।”

‘बिहार चुनाव’ बना राजनीतिक बैरोमीटर

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर बिहार में सत्ता परिवर्तन होता है, तो इसे राष्ट्रीय राजनीति के मूड का बैरोमीटर माना जा सकता है। एनडीए और महागठबंधन (MGB) दोनों को लगभग 40% के करीब वोट शेयर मिलने का संकेत जताया गया है, यानी मुकाबला बेहद करीबी है।

रिपोर्ट का अनुमान है कि अगर अति पिछड़े वर्गों (EBCs) और युवा मतदाताओं के बीच 3-6% का झुकाव किसी एक ओर हो गया, तो 100 से अधिक सीटों पर नतीजे पलट सकते हैं।

जन सुराज की एंट्री से बदला समीकरण

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज’ बिहार चुनाव में लगभग 10% वोट शेयर हासिल कर सकता है। इससे एनडीए के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लग सकती है, जिसमें सवर्ण और गैर-यादव पिछड़े वर्ग शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि “जब किसी प्रमुख पार्टी की स्थिरता की जगह गठबंधन की अनिश्चितता आती है, तब निवेशक तुरंत नीतिगत निरंतरता, राजकोषीय अनुशासन और सुधारों की गति पर सवाल उठाने लगते हैं।” इससे बाजार में “अस्थिरता और अनिश्चितता” का माहौल बन सकता है, जैसा 2004 और 2024 के लोकसभा चुनावों के समय देखा गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में एक दिन में 6% की भारी गिरावट आई थी।

बिहार चुनाव के नतीजों का किन सेक्टर्स पर पड़ सकता है असर?

इनक्रीड का कहना है कि बिहार के चुनाव नतीजों का असर सभी सेक्टर्स पर समान नहीं रहेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस और PSU स्टॉक्स पर शॉर्ट-टर्म में दबाव देखने को मिल सकता है क्योंकि ये शेयर सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर और पॉलिसी के स्तर पर मिलने वाले सपोर्ट से लाभ पा रहे हैं।

हालांकि कंजम्प्शन, रीजनल और वे SME शेयर, जो लोकल इकोनॉमी से जुड़े हैं, वे एक राजनीतिक रूप से अस्थिर माहौल में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

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