स्पाइसजेट के तीसरी तिमाही के नतीजों में इम्प्रूवमेंट दिखा है। कंपनी को हाई रेवेन्यू वाले रूट पर फोकस बढ़ाने का फायदा मिला है। कंपनी ने क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स से 3,000 रुपये जुटाए हैं। इसने एयरक्राफ्ट और इंजन लेसर्स (लीज पर देने वाले) के साथ विवाद हल करने की कोशिश शुरू कर दी है। हाल में मिले फंड से कंपनी की बैलेंसशीट मजबूत होगी। कंपनी को उन विमानों का फिर से कमर्शियल इस्तेमाल शुरू करने में मदद मिलेगी, जो अभी जमीन पर खड़े हैं।
कंपनी को ग्रोथ के रास्ते पर लौटने में समय लग सकता है
कई कोशिशों के बावजूद स्पाइसजेट को तेज ग्रोथ की पटरी पर लौटन में समय लग सकता है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के एनालिस्ट्स का कहना है कि स्पाइसजेट में धीर-धीरे रिकवरी देखने को मिल सकती है। एक तरफ जहां स्पाइसजेट को पैसे की कमी की समस्या का सामना करना पड़ा है वही दूसरी तरफ एविएशन मार्केट में कॉम्पटिशन काफी बढ़ा है। कई जहाजों के जमीन पर खड़े रहने से स्पाइसजेट के पैसेंजर्स कैरीइंग क्षमता पर खराब असर पड़ा।
एविएशन मार्केट में मुख्य मुकाबला इन कंपनियों के बीच
अभी एविएशन मार्केट में मुख्य मुकाबला इंडिगो, एयर इंडिया और आकाशा एयर के बीच है। ये सभी एयरलाइंस कंपनियां अपने विमान की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। हालांकि, इसकी रफ्तार सुस्त है। लेकिन, इससे इन कंपनियों को ज्यादा पैसेंजर्स को हवाई सेवाएं देने और अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में इससे मदद मिली है। Indigo की घरेलू मार्केट में बाजार हिस्सेदारी जनवरी 2025 में बढ़कर 65 फीसदी से ज्यादा हो गई। एक साल पहले जनवरी में उसकी बाजार हिस्सेदारी 60.2 फीसदी थी।
घट रही है स्पाइसजेट की बाजार हिस्सेदारी
स्पाइसजेट की बाजार हिस्सेदारी में कमी आई है। जनवरी 2024 में उसकी बाजार हिस्सेदारी 5.6 फीसदी थी। यह जनवरी 2025 में घटकर 3.2 फीसदी रह गई। अब स्पाइसजेट का मार्केट शेयर नई एयरलाइंस कंपनी आकाशा एयर से भी कम हो गई है। आकाशा का मार्केट शेयर 4.5 फीसदी से बढ़कर 4.7 फीसदी हो गया है। हाल में मिले फंड से स्पाइसजेट जमीन पर खड़े अपने जहाजों का फिर से इस्तेमाल शुरू करेगी। इससे बाजार हिस्सेदारी में कमी के ट्रेंड पर रोक लगेगी।
कंपनी अधिग्रहण की संभावनाओं पर विचार कर रही
स्पाइसजेट के मैनेजमेंट ने कहा है कि कंपनी ने जहाज बनाने वाली कंपनियों से जल्द डिलीवरी के लिए बातचीत शुरू कर दी है। इसके अलावा कंपनी अधिग्रहण की संभावनाओं पर भी विचार कर रही है। उधर, प्रतिद्वंद्वी एयरलाइंस कंपनियां भी जहाजों की संख्या बढ़ा रही हैं। आकाशा एयरलाइंस ने ग्रोथ बढ़ाने के लिए बिजनेस में नई पूंजी लगाने का ऐलान किया है। इंडियन एविएशन मार्केट में मौकों की कमी नहीं है। लेकिन, इसका फायदा उठाने के लिए रणनीतिक फैसले लेने होंगे।
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बीते एक साल में 30 फीसदी फिसला स्टॉक
अक्टूबर 2017 में स्पाइसजेट के शेयर ने 145 रुपये का लेवल छुआ था। उसके बाद फिर कभी यह स्टॉक उस लेवल तक नहीं पहुंच पाया। बीते एक साल में यह स्टॉक 30 फीसदी से ज्यादा गिरा है। 3 मार्च को यह 5.45 फीसदी गिरकर 43.41 रुपये पर आ गया। उधर, इंटरग्लोब एविएशन का स्टॉक बीते एक साल में 40 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। 3 मार्च को यह स्टॉक सिर्फ 0.44 फीसदी गिरा है। फिलहाल निवेशक स्पाइजेट के शेयरों से दूरी बनाए रख सकते हैं।