क्या शेयर बाजार की तेजी शॉर्ट टर्म उछाल है? ये फैक्टर्स तय करेंगे सूचकांकों की रफ्तार

भारतीय शेयर बाजार 22 नवंबर को बढ़त के साथ बंद हुए। एनालिस्ट्स इसे टेक्निकल बाउंसबैक बता रहे हैं। सूचकांकों में तकरीबन 2.5 पर्सेंट की बढ़त रही और बीएसई सेंसेक्स तकरीबन 2,000 अंक उछल गया, जबकि निफ्टी ने 23,900 का स्तर छू लिया। इससे पहले बाजार में लगातार करेक्शन देखने को मिल रहा था। बाजार में इस उछाल से निवेशकों के वेल्थ में 7.58 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई

अपडेटेड Nov 22, 2024 पर 10:33 PM
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बाजार की शानदार वापसी के बावजूद मार्केट एक्सपर्ट्स तात्कालिक आउटलुक को लेकर काफी सावधानी बरत रहे हैं।

भारतीय शेयर बाजार 22 नवंबर को बढ़त के साथ बंद हुए। एनालिस्ट्स इसे टेक्निकल बाउंसबैक बता रहे हैं। सूचकांकों में तकरीबन 2.5 पर्सेंट की बढ़त रही और बीएसई सेंसेक्स तकरीबन 2,000 अंक उछल गया, जबकि निफ्टी ने 23,900 का स्तर छू लिया। इससे पहले बाजार में लगातार करेक्शन देखने को मिल रहा था। बाजार में इस उछाल से निवेशकों के वेल्थ में 7.58 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई।

चोला सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड धर्मेश कान्त इस तेजी की वजह बाजार के 'बेहद ओवरसोल्ड' स्थिति में पहुंचने के बाद इसमें हुई शॉर्ट कवरिंग को बता रहे हैं। उन्होंने कहा, 'बेयर मार्केट्स में अक्सर ऐसे शॉर्ट टर्म उछाल देखने को मिलते रहते हैं, जो अक्सर काफी आक्रामक होते हैं। हालांकि, बाजार में आगामी कुछ अहम इवेंट्स मसलन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों की प्रतिक्रिया देखने के बाद ही बाजार की दिशा तय हो सकेगी। '

क्या हैं तेजी की वजहें

वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी स्ट्रैटेजी के डायरेक्टर क्रांति बैथानी ने बताया, ' जब भी निफ्टी 200 डीएमए को छूता है, तो आम तौर पर हमें बाउंसबैक देखने को लगता है। हालांकि, यह तेजी आगे भी कायम रहेगी, यह FII फ्लो, इनफ्लेशन संबंधी चिंताएं और ग्लोबल घटनाक्रम पर निर्भर करता है।' जहां तक सेक्टर इंडेक्स की बात है, तो सबसे ज्यादा तेजी आईटी इंडेक्स (तकरीबन 3 पर्सेंट) में देखने को मिली। इसके अलावा, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 1.3 पर्सेंट और 1 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही।


तात्कालिक आउटलुक: चुनौतियां कायम

बाजार की शानदार वापसी के बावजूद मार्केट एक्सपर्ट्स तात्कालिक आउटलुक को लेकर काफी सावधानी बरत रहे हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा ने बताया कि बाजार में तेजी का यह ट्रेंड एक दिन की रिकवरी हो सकता है और जरूरी नहीं है कि यह ट्रेंड लंबे समय तक जारी रहेगा। बहरहाल, अक्टूबर के बाद नवंबर में FIIs द्वारा बिकवाली का सिलसिला जारी है। हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स द्वारा खरीदारी का ट्रेंड दिख रहा है और इस वजह से बाजार में स्थिरता लाने में कुछ हद तक मदद मिली है।

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