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Stock Investing: मार्केट्स से करोड़ों कमाना चाहते हैं तो पहले Speculation और Investment के बीच के फर्क को जान लें

Investment Tips: ज्यादातर इनवेस्टर्स स्पेकुलेशन के आधार पर इनवेस्ट करते हैं। इसका पता सेबी की एक स्टडी से चलता है। SEBI की 2024 की एक स्टडी में बताया गया था कि लिस्टिंग के दिन ज्यादा बिकवाली नॉन-इस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NIIs) की तरफ से की जाती है। लिस्टिंग के पहले हफ्ते में 60 फीसदी NIIs और 40 फीसदी रिटेल इनवेस्टर्स अपने स्टॉक्स बेच देते हैं

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड May 16, 2025 पर 11:06 AM
Stock Investing: मार्केट्स से करोड़ों कमाना चाहते हैं तो पहले Speculation और Investment के बीच के फर्क को जान लें
SEBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 71 फीसदी म्यूचुअसल फंड्स की यूनिट निवेश के 24 महीनों के अंदर रिडीम्ड हो जाती हैं।

बीते हफ्ते के आखिर में मेरे एक दोस्त ने बताया कि वह क्यों अगले साल आने वाले बी9 बेवरेजेज के आईपीओ में इनवेस्ट करना चाहता है। इसकी वजह यह है कि उन्हें बीरा 91 बीयर्स पसंद है। दूसरा यह कि कंपनी के इनवेस्टर्स को यह पता चलता रहेगा कि कंपनी क्या करने जा रही है। उनका मतलब टाइगर पैसिफिक कैपिटल (यूएस), किरिंग होल्डिंग्स (जापान) एमयूएफजी बैंक (जापान), सोफिना एसए (बेल्जियम) और पीक एक्सवी पार्टनर्स (पहले सिकोइया कैपिटल) जैसे निवेशकों से था।

मैंने उनसे पूछा कि कंपनी के IPO से फंड जुटाने का मकसद क्या है? कारोबार का विस्तार, कर्ज की अदायगी, अधिग्रहण या यह कि शुरुआती निवेशक एग्जिट चाहते हैं? कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी है? कंपनी को पैसे की दिक्कत है। इंटरेस्ट बढ़ने से कंपनी का लॉस भी काफी बढ़ गया है। रेवेन्यू भी घटा है और कंपनी का बिजनेस अभी मुनाफे में नहीं आया है।

जब मैंने ये चीजें मेरे दोस्त को बताई और कहा कि उनका निवेश सिर्फ एक स्पेकुलेटिव बेट (Speculative bet) है तो उन्होंने कहा कि लिस्टिंग होते ही वे शेयरों को बेच देंगे। यह भी एक स्पेकुलेशन है। मैंने उन्हें Synoptics Technologies SME IPO और Paytm की लिस्टिंग के बारे में बताया।

SEBI की 2024 की एक स्टडी में बताया गया था कि लिस्टिंग के दिन ज्यादा बिकवाली नॉन-इस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NIIs) की तरफ से की जाती है। लिस्टिंग के पहले हफ्ते में 60 फीसदी NIIs और 40 फीसदी रिटेल इनवेस्टर्स अपने स्टॉक्स बेच देते हैं। एक महीने के अंदर 70 फीसदी से ज्यादा बड़े इनवेस्टर्स और 50 फीसदी रिटेल इनवेस्टर्स अपने शेयर बेच देते हैं।

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