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चुनिंदा दालों पर लगाई गई स्टॉक लिमिट, सरकार शुरू कर सकती है गेहूं का इंपोर्ट !

WPPS के चेयरमैन अजय गोयल का कहना है कि सरकार के मुताबिक देश में पर्याप्त गेहूं है। OMSS के जरिए 8 मिलियन टन की बिक्री संभव है। 4-5 मिलियन टन गेहूं का इंपोर्ट होना चाहिए। गेहूं की महंगाई अभी और बढ़ेगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 24, 2024 पर 6:17 PM
चुनिंदा दालों पर लगाई गई स्टॉक लिमिट, सरकार शुरू कर सकती है गेहूं का इंपोर्ट !
सूत्रों के हवाले से खबरें हैं कि सरकार गेहूं का इंपोर्ट शुरू कर सकती है। गेहूं का इंपोर्ट लिमिट लगा कर हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार घरेलू बाजार में गेहूं के दाम कम करना चाहती है

बड़ी मंडियों में आज दालों के भावों में कुछ नरमी आने की खबरें मिली हैं। दाल की जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने चुनिंदा दालों पर स्टॉक लिमिट लगाई है। सरकार की तरफ से तुअर दाल, चना और काबुली चने पर स्टॉक लिमिट लगाई गई है। ये स्टॉक लिमिट तत्काल प्रभाव से 30 सितंबर तक लागू रहेगी। अब होलसेलर 200 MT से ज्यादा स्टॉक नहीं रख सकेंगे। रिटेलर और रिटेल स्टोर के लिए यह लिमिट 5 MT तय की गई है। इंपोर्टर को स्टॉक 45 दिन से ज्यादा नहीं रखने के निर्देश दिए गए हैं।

इस पर IPGA को एग्जीक्यूटिव कमिटी मेंबर सतीश उपाध्याय का कहना है कि दालों के ट्रेडर स्टॉक सीमा के साथ पूरा कंटेनर बाजार में नहीं उतार सकते या इसे बेच नहीं सकते, लागत ज्यादा होने के कारण अब मूल देशों में स्टॉक रखना फायदेमंद नहीं रह गया है।

सतीश ने आगे कहा कि स्टॉक लिमिट लगाने से दालों की कमी तो खत्म होने वाली नहीं है। इस दाल की कीमतों में अस्थाई गिरावट आ सकती है। लेकिन तुअर में काफी ज्यादा शॉर्टेज। वहीं, चने में इतना ज्यादा असर नहीं आएगा। लेकिन तुअर में एक बार बाजार घटकर पर फिर कुछ समय बाद ऊपर जाकर स्टेबल हो जाएगा। इस समय तुअर अपने पास है नहीं, अफ्रीका से सिंतबर के अंत में तुअर की अवक शुरू हो सकती है। सतीश का ये भी कहना है कि स्टॉक लिमिट से दालों की कमी पूरी नहीं होगी।

शुरू होगा गेहूं का इंपोर्ट?

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