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शेयर बाजार का पलटा मूड, इन 4 कारणों से अचानक गिरावट, सेंसेक्स दिन के हाई से 1000 अंक टूटा

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार 2 मई को जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने कारोबार की शुरुआत मजबूत बढ़त के साथ की, लेकिन दोपहर होते-होते बाजार ने अपनी तेजी खो दी और निवेशकों की बेचैनी बढ़ा दी। सेंसेक्स दिन के हाई से करीब 1,000 अंक गिर गया। अमेरिका में मंदी की आशंका और भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव ने निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डाला

अपडेटेड May 02, 2025 पर 2:09 PM
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Sensex crashes: अमेरिकी इकोनॉमी में मंदी की नई चिंताओं ने शेयर बाजार के मूड को बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार 2 मई को जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने कारोबार की शुरुआत मजबूत बढ़त के साथ की, लेकिन दोपहर होते-होते बाजार ने अपनी तेजी खो दी और निवेशकों की बेचैनी बढ़ा दी। सेंसेक्स दिन के हाई से करीब 1,000 अंक गिर गया। अमेरिका में मंदी की आशंका और भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव ने निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डाला।

बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 935 अंक या 1.16% की बढ़त के साथ आज के उच्चतम स्तर 81,177 पर पहुंच गया। लेकिन इसके बाद इसमें अचानक करीब 1,009 अंकों की गिरावट आई है और दोपहर करीब 12:30 बजे यह फिसलकर 80,168.59 के स्तर पर आ गया। निफ्टी-50 में भी इसी तरह तेज गिरावट देखने को मिली और यह दिन के उच्चतम स्तर से करीब 255 अंक फिसलकर 24,238.50 के स्तर पर आ गया।

शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे 4 प्रमुख कारण रहे-


1. मुनाफावसूली का दबाव

शुरुआती कारोबार में तेजी के बाद शेयर बाजार में ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली देखने को मिली। अमेरिका की इकोनॉमी से जुड़े कुछ अहम आर्थिक आंकड़ों के आने से पहले निवेशकों ने आज सतर्कता बरती और मुनाफे को बुक करने का विकल्प चुना है।

2. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

वाशिंगटन और तेहरान के बीच वार्ता में देरी के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर सेंकेंडरी प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। उनकी इस धमकी के चलते क्रूड ऑयल के दाम में रातों-रात लगभग 2 प्रतिशत की उछाल आई। इस बीच ओपेक+ देश अपनी अगली बैठक की तैयारी में जुटे हैं, जहां क्रूड ऑयल के उत्पादन को और बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। तेल की बढ़ती कीमतें भारत के लिए अच्छी नहीं मानी जाती हैं क्योंकि हम जरूरत का 80 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल विदेशों से आयात करते हैं।

3. अमेरिका में मंदी की आशंका

अमेरिकी इकोनॉमी की सेहत को लेकर नई चिंताओं ने भी आज शेयर बाजार के मूड को बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई। अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट के शुरुआती अनुमान से पता चला है कि 2025 की पहली तिमाही में अमेरिका की जीडीपी में 0.3 फीसदी का संकुचन देखने को मिल सकता है। जबकि इसकी पिछले तिमाही में यह 2.4% की दर से बढ़ी थी। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है। ऐसे में वहां पर मंदी का असर पूरे ग्लोबल मार्केट्स और खासतौर इमर्जिंग देशों के मार्केट्स पर भी पड़ सकता है।

4. भारत-पाक सीमा पर तनाव

भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव ने भी बाजारों को प्रभावित किया। पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार रात को जम्मू-कश्मीर के कई सेक्टरों में बिना उकसावे के गोलीबारी की। यह लगातार आठवीं रात थी, जब पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है। भारतीय सेना ने इसका कड़ा जवाब दिया। एलओसी पर यह बढ़ता तनाव निवेशकों के रिस्क सेंटीमेंट पर असर डाल रहा है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, डॉ वीके विजयकुमार ने बताया, "निफ्टी पहले ही FY26 के अनुमानित लाभ के मुकाबले 20 गुना से अधिक के P/E मल्टीपल पर ट्रेड कर रहा है। यह बताता है कि वैल्यूएशन पहले से ही बढ़ा हुआ है। इसके अलावा राजनीतिक जोखिम और ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ चिंताएं निवेशकों को सतर्क रहने का इशारा कर रही है। निवेशक अपने कैश के स्तर को बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं।"

टेक्निकल एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट, आनंद जेम्स ने कहा कि निफ्टी का बार-बार 24,359 के स्तर से ऊपर बंद होने में विफल होना एक चिंता का विषय है। हालांकि, कैंडलस्टिक चार्ट में लंबी निचली लकीरें यह दिखाती हैं कि नीचे के स्तरों पर खरीदारी हो रही है। उन्होंने कहा, "अगर बाजार में कमजोरी बनी रहती है तो अगला सपोर्ट 24,190–24,119, उसके बाद 24,070–23,950 और फिर 23,670 पर हो सकता है।"

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