ग्लोबल अनिश्चितताओं और खराब तिमाही नतीजों के चलते 29 जुलाई को भी सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का सिलसिला जारी है। फिलहाल निफ्टी 17.65 अंक यानी 0.07 फीसदी की गिरावट के साथ 24,670 के आसपास दिख रहा है। उधर कल अमेरिकी बाजारों में मजबूत शुरुआत के बाद मिला-जुला रुख रहा, जबकि एशियाई बाजारों में गिरावट दिख रही है। गिफ्ट निफ्टी भी लाल निशान में है।
शुक्रवार,28 जुलाई को मंदड़ियों ने दलाल स्ट्रीट को गहरे लाल रंग में खींच लिया। दिग्गज फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली के दबाव ने भी निफ्टी-सेंसेक्स की भारी गिरावट में योगदान दिया। फार्मा और हेल्थकेयर को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स गहरे लाल रंग में बंद हुए।
एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक 28 जुलाई को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार में 6,082 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 6765 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। यह 30 मई के बाद से एफआईआई द्वारा की गई सबसे बक्री और 17 जून के बाद से डीआईआई द्वारा की गई सबसे बड़ी खरीदारी रही।
आज इन अहम स्तरों पर रहे नजर
निफ्टी लंबे समय से चले आ रहे कंसोलीडेशन फेज से निर्णायक रूप से नीचे चला गया है, जिससे कई सपोर्ट स्तर टूट गए हैं। बाजार के शॉर्ट टर्म स्ट्रक्चर में कमजोरी का रुख़ दिखाई दे रहा है। अगर निफ्टी क्लोजिंग के समय 24,650 के स्तर से नीचे फिसल जाता है,तो हमें बड़ी गिरावट दिख सकती है। इससे इंडेक्स 24,500-24,450 के दायरे में और नीचे जा सकता है।
ऊपर की ओर 24,960-25,000 के जोन में रेजिस्टेंस दिख रहा है। इस बैंड की ओर आने वाली किसी भी रिलीफ रैली के प्रयास को नए सिरे से सप्लाई प्रेशर का सामना करना पड़ सकता है। जब तक निफ्टी फिर से 25,000 से ऊपर नहीं आ जाता, तब तक बाजार का ओवरऑल रुझान निगेटिव ही रहेगा। इस बीच आने वाली किसी भी रैली का इस्तेमाल रिवर्सल के संकेत के बजाय नए शॉर्ट्स शुरू करने के लिए किया जा सकता है। चल रहा ब्रेकडाउन साफ तौर पर सेंटीमेंट में बदलाव का संकेत देता है। ट्रेडरों के लिए मौजूदा रुझान के साथ तालमेल बनाए रखना जरूरी है।
सैमको सिक्योरिटीज के धुपेश धमेजा का कहना है कि मौजूदा हफ्ता एफओएमसी बैठक और अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर अपडेट के साथ तमाम अहम इवेंट्स से भरा हुआ है। इस पृष्ठभूमि में, इंडेक्स निर्णायक रूप से अपने 50-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग औसत से नीचे फिसल गया, जो वर्तमान में 56,110 के आसपास स्थित है। इस लेवल ने हाल की गिरावटों में बार-बार एक अहम सपोर्ट का काम किया है। इसके टूटने से बाजार की घबराहट और बढ़ गई है। 56,000 के स्तर से नीचे बंद होने से बिक्री बढ़ सकती है। ऐसे में शॉर्ट टर्म में निफ्टी 55,500-55,450 की ओर गिर सकता है।
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