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एक साल के निचले स्तर पर शेयर, मोतीलाल ओसवाल ने लगाया दांव, कहा- अब 50% का आ सकता है उछाल

Petronet LNG Shares: पेट्रोनेट एलएनजी के शेयर मंगलवार 26 अगस्त को अपने 52 हफ्तों के सबसे निचले स्तर पर बंद हुए। हालांकि इसके बावजूद ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का इस शेयर पर भरोसा बरकरार है। ब्रोकरेज ने एक बार फिर इस शेयर पर अपनी 'Buy (खरीदें)' की रेटिंग दोहराई और इसके लिए 410 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Aug 26, 2025 पर 8:15 PM
एक साल के निचले स्तर पर शेयर, मोतीलाल ओसवाल ने लगाया दांव, कहा- अब 50% का आ सकता है उछाल
Petronet LNG Shares: साल 2025 में अब तक यह शेयर 23% नीचे आ चुका है

Petronet LNG Shares: पेट्रोनेट एलएनजी के शेयर मंगलवार 26 अगस्त को अपने 52 हफ्तों के सबसे निचले स्तर पर बंद हुए। हालांकि इसके बावजूद ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का इस शेयर पर भरोसा बरकरार है। ब्रोकरेज ने एक बार फिर इस शेयर पर अपनी 'Buy (खरीदें)' की रेटिंग दोहराई और इसके लिए 410 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। यह मंगलवार के बंद भाव से शेयर में करीब 50 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना दिखाता है।

मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि मजबूत क्षमता ग्रोथ और आकर्षक वैल्यूएशन के चलते पेट्रोनेट LNG के शेयरों में आगे बड़ा उछाल संभव है। भारत के गैस कंज्मप्शन में LNG का हिस्सा अब लगभग 50% तक पहुंच चुका है, जबकि एक दशक पहले यह 35% था। इसके बावजूद, कंपनी ने इस अवधि में केवल 7.5 एमटीपीए क्षमता ही जोड़ी, जिससे इसका मार्केट शेयर वित्त वर्ष 2015 के 78% से घटकर 69% पर आ गया।

हालांकि, कंपनी अब भारत की LNG आयात में आने वाले उछाल की अगली लहर को भुनाने के लिए सही स्थिति में है। गुजरात के दाहेज में 5 एमएमटीपीए की नई क्षमता दिसंबर 2025 तक शुरू होने की संभावना है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि HPCL का छारा टर्मिनल और दबोल का 5 एमएमटीपीए विस्तार जैसे प्रोजेक्ट आने के बावजूद पेट्रोनेट LNG अपनी बाजार हिस्सेदारी को मजबूत बनाए रखने में सक्षम रहेगी।

पेट्रोलियम और नैचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) के मुताबिक, भारत के LNG इंपोर्ट 2030 तक दोगुने से ज्यादा हो सकते हैं। घरेलू गैस उत्पादन की सीमित बढ़ोतरी और बढ़ती मांग इसमें अहम भूमिका निभाएगी। एनालिस्ट्स का अनुमान है कि अगले 12 से 18 महीनों में कंपनी और अधिक लॉन्ग-टर्म हासिल कर सकती है, जिससे वॉल्यूम में उछला और इनकम की स्थिरता सुनिश्चित होगी।

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