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2023-24 मार्केटिंग ईयर में 1 अक्टूबर-15 दिसंबर के दौरान चीनी उत्पादन 11% घटकर 74 लाख टन रहा :ISMA

उत्तर प्रदेश में, चीनी उत्पादन 2023-24 मार्केटिंग ईयर के 15 दिसंबर तक बढ़कर 22.11 लाख टन हो गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 20.26 लाख टन था। हालांकि, इसी अवधि में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 33.02 लाख टन से घटकर 24.45 लाख टन रह गया है। ISMA के आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में उत्पादन 19.20 लाख टन से घटकर 16.95 लाख टन हो गया है

अपडेटेड Dec 18, 2023 पर 5:18 PM
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पिछले हफ्ते, खाद्य मंत्रालय ने गन्ने के रस/चीनी सिरप और स्वीटनर के उप-उत्पाद बी-हैवी गुड़ का उपयोग करके इथेनॉल बनाने के लिए 17 लाख टन चीनी के इस्तेमाल की अनुमति दी थी
     
     
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    शुगर इंडस्ट्री की संस्था इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने बताया है कि चालू मार्केटिंग ईयर की 1 अक्टूबर से 15 दिसंबर की अवधि के दौरान भारत का चीनी उत्पादन सालाना आधार पर 11 फीसदी गिरकर 74.05 लाख टन रह गया है। इसकी मुख्य वजह महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन है। गौरतलब है कि शुगर मार्केटिंग ईयर अक्टूबर-सितंबर अवधि का होता है। ISMA ने यह भी बताया है कि इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी मिलें पिछले साल की तुलना में लगभग 10-15 दिन बाद शुरू हुईं हैं।

    इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने अपने एक बयान में आगे कहा कि चालू 2023-24 मार्केटिंह ईयर में 15 दिसंबर तक चीनी उत्पादन 74.05 लाख टन तक ही रहा जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 82.95 लाख टन था। बता दें कि चालू कारखानों की संख्या साल-दर-साल आधार पर 497 पर बरकरार रही है।

    उत्तर प्रदेश में, चीनी उत्पादन 2023-24 मार्केटिंग ईयर के 15 दिसंबर तक बढ़कर 22.11 लाख टन हो गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 20.26 लाख टन था। हालांकि, इसी अवधि में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 33.02 लाख टन से घटकर 24.45 लाख टन रह गया है। ISMA के आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में उत्पादन 19.20 लाख टन से घटकर 16.95 लाख टन हो गया है।


    पिछले हफ्ते, ISMA ने एक अनुमान जारी करते हुए बताया था कि 2023-24 मार्केटिंग ईयर में कुल चीनी उत्पादन इथेनॉल के लिए डायवर्जन के बिना 325 लाख टन होने का अनुमान है। देश के पास 56 लाख टन का शुरुआती स्टॉक था। जबकि मांग 285 लाख टन अनुमानित है। घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने चालू मार्केटिंग ईयर में चीनी निर्यात की अनुमति नहीं दी है। मार्केटिंग ईयर 2022-23 में भारत ने 64 लाख टन चीनी का निर्यात किया था।

    पिछले हफ्ते, खाद्य मंत्रालय ने गन्ने के रस/चीनी सिरप और स्वीटनर के उप-उत्पाद बी-हैवी गुड़ का उपयोग करके इथेनॉल बनाने के लिए 17 लाख टन चीनी के इस्तेमाल की अनुमति दी थी।

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    वैसे आज चीनी शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली है। गन्ने के रस से एथेनॉल बनाने के मामले में थोड़ी राहत मिलने से चीनी कंपनियों में तेजी की बहार लौटी है। बलरामपुर चीनी आज एनएसई पर 15.85 रुपए यानी 4.12 फीसदी की बढ़त के साथ 400.50 के स्तर पर बंद हुआ है। जबकि धामपुर शुगर 13.45 रुपए यानी 5.42 फीसदी की बढ़त के साथ 261.45 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, द्वारिकेश शुगर 4.50 रुपए यनी 5.24 फीसदी की बढ़त के साथ 90.40 रुपए पर बंद हुआ है। जबकि श्रीरेणुका शुगर 2.20 रुपये यानी 4.70 फीसदी की बढ़त के साथ 49 रुपए के स्तर पर बंद हुआ है।

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