Sugar stocks : रुपए की गिरावट ने बाजार की टेंशन बढ़ा रखी है। लेकिन शुगर उन सेक्टर में शामिल जिसको रुपए की गिरावट का फायदा मिल सकता है। रुपए की गिरावट से शुगर कंपनियां फोकस में आ गई हैं। शुगर कंपनियों ने 1 लाख टन एक्सपोर्ट की डील की है। 14 नवंबर को सरकार ने 15 लाख टन का एक्सपोर्ट कोटा तय किया था। रॉ-शुगर की ग्लोबल कीमतें घटने से मिलों को कम्पटीशन की चिंता थी। रुपये में गिरावट से एक्सपोर्टर्स बेहतर कीमतों पर कॉन्ट्रैक्ट्स कर पा रहे हैं।
ज्यादातर कॉन्ट्रैक्ट्स 88 रुपए प्रति डॉलर के भाव पर हुए हैं। रुपया फिसलकर 90 के पार जाने से और कॉन्ट्रैक्ट्स मिलने की उम्मीद है। अफगानिस्तान, श्रीलंका,अफ्रीका और पश्चिम एशिया से शुगर की मांग बढ़ी है।
शुगर इंडस्ट्री की मांग है कि घरेलू बाजार में सरप्लस के चलते एक्सपोर्ट का कोटा और बढ़ाया जाए। शुगर मिलों के लिए फिलहाल 3 साल के औसत उत्पादन का 5.286 फीसदी का कोटा तय है।
रुपए में कमजोरी के चलते बलरामपुल चीनी (Balrampur Chini), त्रिवेणी इंजी (Triveni Eng), श्री रेणुका (Shree Renuka), धामपुर (Dhampur), मवाना (Mawana), ईआईडी पैरी ( Eid Parry) के शेयर फोकस में दिख रहे हैं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों की तरफ से लगातार हो रही निकासी और भारत-US ट्रेड डील को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण रुपया लगातार गिर रहा है। आज 4 दिसंबर को भी यह 22 पैसे गिरकर 90 के निशान से काफी ऊपर जाता दिखा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सीमित दखल से भी करेंसी पर दबाव बना हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 90.41 पर खुला, जबकि पिछले सेशन में यह 90.19 पर बंद हुआ था।
CR फॉरेक्स एडवाइजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित पाबारी ने कहा कि कल जिस तरह से रुपया 90 के निशान को पार कर गया,उससे पता चलता है कि दबाव कम नहीं हुआ है। असल में,यह बदलाव बताता है कि दबाव बना रहेगा और रुपया जल्द ही 90.70–91 ज़ोन की ओर बढ़ सकता है।