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टैरिफ के चलते आ सकती है ग्लोबल मंदी, फार्मा शेयरों को लेकर रहें सतर्क - राइट होराइजन्स के अनिल रेगो

राइट होराइजन्स के अनिल रेगो ने कहा कि भारत अमेरिका की 45 फीसदी जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है। वित्त वर्ष 2024 में अमेरिका भारत के लिए 8.7 बिलियन डॉलर का सबसे बड़ा फार्मा निर्यात बाजार रहा। वर्तमान अमेरिकी एलानों को अलावा भी अगर अमेरिका की तरफ से और सख्ती की जाती है तो फार्मा सेक्टर में बड़े बुनियादी बदलाव हो सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 27, 2025 पर 10:40 AM
टैरिफ के चलते आ सकती है ग्लोबल मंदी, फार्मा शेयरों को लेकर रहें सतर्क - राइट होराइजन्स के अनिल रेगो
1 अक्टूबर से लागू होने वाला ब्रांडेड और पेटेंटेड फार्मा दवाओं पर ट्रंप द्वारा लगाया गया 100 फीसदी टैरिफ,अमेरिकी बाज़ार से 30-50 फीसदी रेवेन्यू हासिल करने वाली भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए भारी अनिश्चितता पैदा कर रहा है

आगे की निवेश रणनीति पर बात करते हुए राइट होराइजंस पीएमएस के फाउंडर और फंड मैनेजर अनिल रेगो ने कहा कि ब्रांडेड और पेटेंटेड फार्मा दवाओं पर ट्रंप टैरिफ के बाद वे अरबिंदो फार्मा जैसी भारी अमेरिकी-एक्सपोजर वाली कंपनी को लेकर सतर्क रहने के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि वर्तमान अमेरिकी एलानों को अलावा भी अगर अमेरिका की तरफ से और सख्ती की जाती है तो फार्मा सेक्टर में बड़े बुनियादी बदलाव हो सकते हैं।

उनका मानना ​​है कि ग्लोबल आर्थिक उथल-पुथल अक्सर बाज़ार की उम्मीद से ज़्यादा लंबे समय तक बनी रहती है। मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन ट्रेडवार की संभावना ग्लोबल सप्लाई चेन को नया आकार दे रही है, जिससे भारत के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों पैदा हो रहे हैं। उनका कहना है कि भारत को सप्लाई चेन में डाइवर्सिफिकेशन से फायदा हो सकता है, लेकिन हमें व्यापक ग्लोबल मंदी के प्रभाव को कम करके नहीं आंकना चाहिए।

1 अक्टूबर से लागू होने वाला ब्रांडेड और पेटेंटेड फार्मा दवाओं पर ट्रंप द्वारा लगाया गया 100 फीसदी टैरिफ,अमेरिकी बाज़ार से 30-50 फीसदी रेवेन्यू हासिल करने वाली भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए भारी अनिश्चितता पैदा कर रहा है। हालांकि इसका तात्कालिक असर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लीडरशिप वाली ब्रांडेड दवाओं पर पड़ेगा। लेकिन इसका असर जटिल जेनेरिक दवाओं तक भी हो सकता है। इस सेगमेंट डॉ. रेड्डीज़ और सन फार्मा जैसी भारतीय कंपनियों की मज़बूत पैठ है।

भारत अमेरिका की 45 फीसदी जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है। वित्त वर्ष 2024 में अमेरिका भारत के लिए 8.7 बिलियन डॉलर का सबसे बड़ा फार्मा निर्यात बाजार रहा। वर्तमान अमेरिकी एलानों को अलावा भी अगर अमेरिका की तरफ से और सख्ती की जाती है तो फार्मा सेक्टर में बड़े बुनियादी बदलाव हो सकते हैं।

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