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क्रेडिट कार्ड से खरीदी ज्वैलरी लेकिन नहीं रखा बिल? ये न करना टैक्सपेयर को पड़ा भारी

बेंगलुरु के एक व्यक्ति के केस ने टैक्सपेयर्स को बड़ा सबक दिया है। अगर आप महंगी ज्वेलरी खरीदते हैं, तो सिर्फ पेमेंट करना काफी नहीं, बल्कि बिल और डॉक्यूमेंट संभालकर रखना भी जरूरी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 27, 2025 पर 3:19 PM
क्रेडिट कार्ड से खरीदी ज्वैलरी लेकिन नहीं रखा बिल? ये न करना टैक्सपेयर को पड़ा भारी
बेंगलुरु के एक व्यक्ति के केस ने टैक्सपेयर्स को बड़ा सबक दिया है। (Image-AI)

बेंगलुरु के एक व्यक्ति के केस ने टैक्सपेयर्स को बड़ा सबक दिया है। अगर आप महंगी ज्वेलरी खरीदते हैं, तो सिर्फ पेमेंट करना काफी नहीं, बल्कि बिल और डॉक्यूमेंट संभालकर रखना भी जरूरी है। इनकमट टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने हाल ही में 1.65 करोड़ रुपये की ज्वेलरी से जुड़े एक मामले में टैक्सपेयर के पक्ष में फैसला दिया है, जिसने यह साफ कर दिया कि सही डॉक्यूमेंटेशन न होने पर टैक्स विभाग मुश्किल खड़ी कर सकता है।

ये मामला 2019 का है जब इनकम टैक्स विभाग ने बेंगलुरु निवासी सुरेश (नाम बदला हुआ) के घर छापा मारा था। तलाशी के दौरान विभाग ने सोने और चांदी के जेवरात जब्त किए जिनकी कीमत करीब 1.65 करोड़ रुपये थी। विभाग का कहना था कि इन जेवरों के डॉक्यूमेंट सही नहीं थे, इसलिए इन्हें अस्पष्ट निवेश यानी Unexplained Investment माना गया।

सुरेश ने दावा किया कि यह ज्वेलरी उनकी पत्नी की है और उसने इन्हें बैंकिंग चैनल यानी क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट से खरीदा है। लेकिन जांच में पाया गया कि जो बिल उन्होंने दिखाए, वे जब्त की गई ज्वेलरी से मेल नहीं खा रहे थे। इसके बाद विभाग ने इसे सुरेश की इनकम में जोड़कर टैक्स वसूली के प्रोसेस को शुरू कर दिया।

सुरेश ने इस फैसले के खिलाफ अपील की और इनकम टैक्स आयुक्त ने उन्हें राहत दी। विभाग ने फिर मामला ITAT में ले जाया। वहां जांच के बाद न्यायाधिकरण ने कहा कि संबंधित ज्वेलरी पहले से ही सुरेश की पत्नी के इनकम टैक्स रिटर्न में दर्ज थी, इसलिए उसे दोबारा टैक्स करना गलत है।

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