Tata Group Stocks: विलय के ऐलान पर टाटा स्टील के शेयरों में शानदार तेजी दिख रही है लेकिन जिन कंपनियों का विलय होना है, उनके भाव टूटे हैं। एक के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से अपर सर्किट लग रहा था लेकिन आज लोअर सर्किट लग गया। Tata Group की सात मेटल कंपनियों का टाटा स्टील (Tata Steel) में विलय होगा। इस ऐलान पर टाटा स्टील के शेयरों में आज (23 सितंबर) शानदार खरीदारी दिख रही है और इंट्रा डे में इसके भाव 4 फीसदी की तेजी के साथ 107.90 रुपये के भाव पर पहुंच गए। वहीं दूसरी तरफ टाटा स्टील में जिन कंपनियों का विलय होना है, उनके शेयरों में बिकवाली का रूझान दिख रहा है।
टाटा स्टील के बोर्ड ने टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स (Tata Steel Long Products), टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया (Tinplace Company of India), टाटा मेटालिक्स (Tata Metaliks), टीआरएफ (TRF), इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स (Indian Steel and Wire Products), टाटा स्टील माइनिंग (Tata Steel Mining) और एसएंडटी माइनिंग (S&T Mining) के टाटा स्टील में विलय को मंजूरी दी है। इसमें से हर एक कंपनी के विलय को संबंधित अथॉरिटीज से मंजूरी लेनी होगी। स्टॉक एक्सचेंजों और एनसीएलटी से भी अप्रूवल लेना होगा।
विलय के फैसले का शेयरों पर खट्टा-मीठा असर
टाटा स्टील में विलय का असर टाटा स्टील पर पॉजिटिव दिख रहा है लेकिन जिन कंपनियों को विलय होना है, उन पर निगेटिव दिख रहा है। टाटा स्टील के शेयर इंट्रा-डे में चार फीसदी से अधिक उछाल के साथ 107.90 रुपये पर पहुंच गए। वहीं टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स 9 फीसदी फिसलकर 979.65 रुपये, टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया 7 फीसदी टूटकर 313 रुपये और टाटा मेटालिक्स 4 फीसदी गिरकर 771.70 रुपये के भाव तक फिसल गया। टीआरएफ की बात करें तो पिछले कुछ दिन इसमें अपर सर्किट लग रहा था और एक दिन पहले यह 374.35 रुपये के 52 हफ्ते के रिकॉर्ड ऊंचे स्तप पर था लेकिन आज इसमें 355.65 रुपये पर लोअर सर्किट लग गया।
विलय के प्रस्ताव के मुताबिक टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स के 10 शेयरों के बदले टाटा स्टील के 67 शेयर और टाटा मेटालिक्स के 10 शेयरों के बदले टाटा स्टील के 79 शेयर मिलेंगे। इसके अलावा टिनप्लेट के 10 शेयरों के बदले टाटा स्टील के 33 और टीआरएफ के 10 शेयरों के बदले टाटा स्टील के 17 शेयर मिलेंगे।
विलय से रिसोर्सेज का अधिकतम इस्तेमाल हो सकेगा और खर्चे में कमी आएगी। इसके अलावा एक ही तरह के कई कंप्लॉयंस रिक्वायरमेंट की भी जरूरत नहीं होगी। विलय से सभी कंपनियां एक-दूसरे की फैसिलिटीज का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगी और मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को लेकर भी साझेदारी होगी। पहले टाटा मेटालिक्स और टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स को विलय करने की योजना थी लेकिन अब इसे वापस ले लिया गया है।