Mahindra Finance Share Price: भारत में ट्रैक्टर के लिए कर्ज मुहैया कराने वाली महिंद्रा फाइनेंस (Mahindra Finance) के शेयरों में आरबीआई (RBI) की कड़ी कार्रवाई के चलते तेज बिकवाली दिख रही है। आज 23 सितंबर को इसके शेयर शुरुआती कारोबार में 13 फीसदी से अधिक टूटकर 192.05 रुपये के भाव पर फिसल गए।
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने एक दिन पहले आदेश जारी किया था कि महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लोन रिकवरी के लिए थर्ड पार्टी रिकवरी एजेंट्स का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी। इसके मुताबिक कंपनी आरबीआई के अगले आदेश तक आउटसोर्सिंग सिस्टम के जरिए लोन की वसूली नहीं कर सकती है। कंपनी ने आज शेयर बाजारों को जानकारी दी है कि इससे रिपॉजेशन गतिविधि यानी लोन की वसूली से जुड़ी गतिविधियों में गिरावट आ सकती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने 16 सितंबर को एक रिपोर्ट में जानकारी दी थी कि एक फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट ने झारखण्ड के हजारीबाग में एक दिव्यांग किसान के घर से जबरन ट्रैक्टर ले जाने की कोशिश की। इस दौरान उसकी 27 वर्षीय गर्भवती बेची की कथित तौर पर पहिए से कुचलकर मौत हो गई। यह घटना 15 सितंबर की है। बाद में इसकी पुष्टि हुई कि किसान ने ट्रैक्टर महिंद्रा फाइनेंस से लोन लेकर खरीदा था।
इस पर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने दुख जताते हुए मामले में थर्ड पार्टी कलेक्शन का रिव्यू किए जाने की बात कही थी। केंद्रीय बैंक आरबीआई इसे लेकर सख्त हुआ और उसने महिंद्रा फाइनेंस पर रिकवरी एजेंट्स के जरिए लोन वसूली पर रोक लगा दिया है और अब सिर्फ कंपनी के कर्मी ही यह काम कर सकते हैं।
आरबीआई की रोक के बाद आज महिंद्रा फाइनेंस ने एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी है कि इससे गाड़ियों के रिपॉजेशन एक्टिविटी में अस्थाई तौर पर गिरावट आएगी। कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक आमतौर पर कंपनी थर्ड पार्टी और अपने कर्मियों के जरिए हर महीने 4 हजार-5 हजार गाड़ियों को वापस अपने अधिकार में लेती है लेकिन अब यह गिरकर 3 हजार-4 हजार पर आ सकता है।
कंपनी का कहना है कि उसने गाड़ियों के लोन की वसूली के लिए बाहर के किसी कर्मी को काम पर नहीं रखा है जिसके चलते आरबीआई के फैसले का उस पर असर नहीं होगा। महिंद्रा फाइनेंस महिंद्रा ग्रुप की NBFC है जिसका फोकस गांवों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों पर है। इसके 81 लाख से अधिक ग्राहक हैं और इसका एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) 1100 करोड़ डॉलर से अधिक है।