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Stock to sell: फटाफट बेच दें यह आईटी शेयर, ब्रोकरेज ने दी सलाह

IT Stock to sell: वैश्विक ब्रोकरेज फर्म सिटी ने इस आईटी शेयर को फटाफट बेचने की सलाह दी है। इस साल यह 17 फीसदी से भी अधिक ऊपर चढ़ा है लेकिन ब्रोकरेज के मुताबिक जो मुनाफा है, वह निकाल लें और फटाफट बेच दें। चेक करें कि क्या यह शेयर आपके पोर्टफोलियो में है? और ब्रोकरेज ने इसे बेचने की सलाह क्यों दी है?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 16, 2024 पर 4:01 PM
Stock to sell: फटाफट बेच दें यह आईटी शेयर, ब्रोकरेज ने दी सलाह
ब्रोकरेज फर्म सिटी ने TCS में करेक्शन के आसार जताए तो शेयर बेचने की होड़ मच गई।

TCS Share Price: देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयर आज बिकवाली के दबाव में करीब डेढ़ फीसदी टूट गए। इस साल यह 17 फीसदी से अधिक ऊपर चढ़ा था लेकिन ब्रोकरेज फर्म सिटी ने इसमें करेक्शन के आसार जताए तो शेयर बेचने की होड़ मच गई। आज BSE पर यह 1.29 फीसदी की गिरावट के साथ 4415.90 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 1.67 फीसदी फिसलकर 4398.75 रुपये के भाव तक टूट गया था। ब्रोकरेज के रुझान की बात करें तो सिटी ने ₹3,935 के टारगेट प्राइस पर इसकी सेल रेटिंग को बरकरार रखा है जो मौजूदा लेवल से करीब 12 फीसदी नीचे है।

TCS पर क्यों है ब्रोकरेज बेयरेश?

जैसे-जैसे वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही समाप्त होने के करीब आ रही है, सिटी ने संकेत दिया है कि टीसीएस का बीएसएनएल प्रोजेक्ट दिसंबर 2024 में समाप्त होने वाली तिमाही में स्थिर रह सकता है या थोड़ा घट सकता है। इसके बाद इस प्रोजेक्ट के धीरे-धीरे घटने की संभावना है। ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी के लिए छोटे डिस्क्रेशनरी डील्स उभर रहे हैं लेकिन इसमें निवेश पर रिटर्न यानी आरओआई जांच के दायरे में है। वहीं मेगा डील्स को छोटे-छोटे कॉन्ट्रैक्ट में तोड़ा जा रहा है जिससे रिस्क को कम किया जा सकता है। हालांकि इस बीच यूके और यूरोप में उत्तरी अमेरिका की तुलना में मांग सुस्त दिख रही है। इन मुश्किलों के बावजूद टीसीएस ने 26-28% के मार्जिन का लक्ष्य तय किया है।

वहीं ब्रोकरेज का मानना है कि इस तिमाही में मार्केट की परिस्थितियों की बजाय रणनीतिक फैसलों के चलते ही इसकी सबकॉन्ट्रैक्टिंग लागत में कमी आई है। वहीं कंपनी के सीएमडी के कृतिवासन ने सितंबर तिमाही के नतीजे के बाद कहा था कि इस तिमाही में सतर्क रुझान की बात कही थी। वैश्विक स्तर पर जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते इसके कारोबार पर असर दिख सकता है। पिछले हफ्ते एचएसबीसी ने भी इसकी रेटिंग को यूरोप में कमजोर आउटलुक और जेनएआई से जुड़ी अनिश्चितता के चलते रेटिंग को डाउनग्रेड कर होल्ड कर दी है।

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