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नतीजों से ज्यादा मैनेजमेंट कमेंट्री पर होगी बाजार की नजर, इन सेक्टर में दिखेगी तेजी: राजेश कोठारी

राजेश कोठारी का कहना है कि अमेरिकी इकोनॉमी के हालात बेहतर है। ग्लोबल निवेशकों के लिए यूएस मार्केट पहली प्राथमिकता बन रही है। यूएस मार्केट के बाद भारतीय बाजार आकर्षक लग रहे है। अमेरिका के बाद ग्लोबल निवेशकों की पहली पसंद भारतीय बाजार है क्योंकि भारतीय बाजार के वैल्यूएशन ना ज्यादा महंगे है और ना ही ज्यादा सस्ते। भारतीय बाजार के वैल्यूएशन बेहतर नजर आ रहे है

अपडेटेड Dec 25, 2024 पर 9:03 AM
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आने वाले अर्निंग सीजन के लिहाज से सबसे कैपिटल गुड्स सेक्टर अच्छा करते नजर आएंगे। इस सेक्टर के ऑर्डर बुक ग्रोथ काफी अच्छे है।

बाजार के आगे के आउटलुक पर बात करते हुए AlfAccurate Advisors के MD राजेश कोठारी का कहना है कि अमेरिकी इकोनॉमी के हालात बेहतर है। ग्लोबल निवेशकों के लिए यूएस मार्केट पहली प्राथमिकता बन रही है। यूएस मार्केट के बाद भारतीय बाजार आकर्षक लग रहे है। अमेरिका के बाद ग्लोबल निवेशकों की पहली पसंद भारतीय बाजार है क्योंकि भारतीय बाजार के वैल्यूएशन ना ज्यादा महंगे है और ना ही ज्यादा सस्ते। भारतीय बाजार के वैल्यूएशन बेहतर नजर आ रहे है। भारतीय बाजार में एफआईआई की और से भी खरीदारी आने की उम्मीद है।

इन सेक्टर के नतीजे बेहतर रहने की उम्मीद

आने वाले अर्निंग सीजन के लिहाज से सबसे कैपिटल गुड्स सेक्टर अच्छा करते नजर आएंगे। इस सेक्टर के ऑर्डर बुक ग्रोथ काफी अच्छे है। यह सेक्टर हमारी पसंदीदा सेक्टर है। उसके बाद फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर सेक्टर के नतीजे बेहतर रहने की उम्मीद है। वहीं यूएस इकोनॉमी में सुधार का असर बीएफएसआई, आईटी सेक्टर अच्छा करते नजर आएंगे। ये सभी सेक्टर बेहतर ग्रोथ, बेहतर मोमेंटम, मैनेजमेंट की तरफ से अच्छी कमेंट्री आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नतीजों से ज्यादा मैनेजमेंट कमेंट्री पर नजर रहेगी।उन्होंने आगे कहा कि 3-5 साल के नजरिए से कैपिटल गुड्स सेक्टर बेहतर लग रहा है।


रुपये की कमजोरी से बड़ी दिक्कत नहीं

रुपये में कमजोरी पर बात करते हुए राजेश कोठारी ने कहा कि रुपये की कमजोरी बाजार के लिए किसी तरह का समस्या का विषय नहीं है। क्रूड की कीमतें एक दायरे में हैं। एक्सपोर्ट और इंपोर्ट भी बैलेंस है। हालांकि रुपये में बीच में वौलेटिलिटी आने के कारण थोड़ी कंससेंस होती है लेकिन रुपये की कमजोरी से बड़ी दिक्कत नहीं है।

कंज्मशन बास्केट में कॉम्पिटिशन बना हुआ है

ओवरऑल कंज्मशन बास्केट देखे तो इस सेक्टर में कॉम्पिटिशन बना हुआ है। बाजार में काफी नई ब्रांड्स आ रही है, काफी प्रोडक्ट को लेकर इनोवेशन हो रहा है। मुझे नहीं लगता कि कंज्यमूर कंपनियों पर दबाव नहीं है। कंपनियों को सही प्रोडक्ट सही दाम पर लॉन्च करने पड़ेंगे जिसमें वो असफल हो रही है जिन कंपनियों ने यह किया है उनमें अच्छी ग्रोथ दिख रही है और आगे भी दिखेगी।

 

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