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नई EV पॉलिसी से टेस्ला की भारत में एंट्री का रास्ता होगा साफ, भारतीय ऑटो कंपनियों पर क्या होगा असर?

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार की नई EV पॉलिसी लाने की तैयारी में है। नई पॉलिसी मार्च में तक आ सकती है। सूत्रों के मुताबिक नई पॉलिसी में ईवी इंपोर्ट ड्यूटी 110 फीसदी से घटकर 15 फीसदी हो सकती है। टेस्ला जैसी कंपनियों को इंपोर्ट ड्यूटी में राहत संभव है। कई शर्तों के साथ इंपोर्ट ड्यूटी में ये राहत संभव है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 21, 2025 पर 12:39 PM
नई EV पॉलिसी से टेस्ला की भारत में एंट्री का रास्ता होगा साफ, भारतीय ऑटो कंपनियों पर क्या होगा असर?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि नई EV पॉलिटी का भारतीय ऑटो सेक्टर पर बुरा असर पड़ेगा। Helios India के CEO दिनशॉ ईरानी के मुताबिक अब प्रीमियम सेगमेंट के ऑटो पर भी दबाव देखने को मिल सकता है

New EV policy : टेस्ला की भारत में एंट्री से पहले सरकार नई EV पॉलिसी को नोटिफाई कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इंपोर्टेड EV की इंपोर्ट ड्यूटी 110 पीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर सकती है। इस खबर पर पूरी जानकारी देने के साथ ही। यहां हम इस बात की भी जांच पड़ताल करेंगे की दुनिया में EV को लेकर क्या पॉलिसी है और भारत में ग्लोबल दिग्गजों के आने स हमारी घरेलू कंपनियों पर क्या असर पड़ सकता है। लेकिन पहले ये जान लेते हैं कि नई EV पॉलिसी को लेकर क्या तैयारी है।

नई EV पॉलिसी की तैयारी!

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार की नई EV पॉलिसी लाने की तैयारी में है। नई पॉलिसी मार्च में तक आ सकती है। सूत्रों के मुताबिक नई पॉलिसी में ईवी इंपोर्ट ड्यूटी 110 फीसदी से घटकर 15 फीसदी हो सकती है। टेस्ला जैसी कंपनियों को इंपोर्ट ड्यूटी में राहत संभव है। कई शर्तों के साथ इंपोर्ट ड्यूटी में ये राहत संभव है। कंपनियों को इसके लिए 120 दिनों में अर्जी देनी होगी। नई पॉलिसी के तरह कम ड्यूटी (15 फीसदी) पर सालाना 8000 प्रीमियम EVs के इंपोर्ट की इजाजत संभव होगी। 35,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली EVs का इंपोर्ट होगा।

क्या हो सकती हैं शर्तें?

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