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इक्विटी मार्केट में इस समय बढ़त की तुलना में गिरावट की आशंका ज्यादा : सुनील गर्ग

Daily Voice:सुनील गर्ग ने कहा कि शॉर्ट टर्म के नजरिए से देखें तो हेल्थ केयर, कंज्यूमर स्टेपल्स अच्छे नजर आ रहे हैं। मीडियम टर्म के नजरिए से फाइनेंशियल सेक्टर काफी अच्छा दिख रहा है। इसके अलावा आगे हमें टेक्नोलॉजी खासकर ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों में तेजी देखने को मिल सकती है। ऐसे में वर्तमान वित्त वर्ष के लिए सुनील क्लाइंट्स को हल्थकेयर, स्टेपल्स और चुनिंदा टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश की सलाह दे रहे हैं

Curated By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड May 11, 2023 पर 1:21 PM
इक्विटी मार्केट में इस समय बढ़त की तुलना में गिरावट की आशंका ज्यादा : सुनील गर्ग
सुनील गर्ग ने कहा कि बाजार के लिए अक्सर सबसे बड़ा खतरा आत्मसंतुष्टि होती है। लिहाजा लापरवाह होने की जरूरत नहीं है।

Daily Voice:2023 में इक्विटीज खासकर टेक शेयरों के मजबूत प्रदर्शन के बावजूद हमें इस बात को लेकर डर है कि यह ट्रेंड लंबे समय तक कायम नहीं रह सकता है। पूरी दुनिया में बढ़ती ब्याज दर ग्लोबल इकोनॉमी के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। ऐसे में इस समय इक्विटी मार्केट में बढ़त की तुलना में गिरावट की संभावना ज्यादा है, ये बातें लाइटहाउस कैंटन (Lighthouse Canton) के सुनील गर्ग ने मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कही हैं। नतीजों के मौसम पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं।

इक्विटी मार्केट और इकोनॉमी के लिए कौन सी बड़ी चुनौतियां हैं? इस पर सुनील गर्ग ने कहा कि पिछले 12 महीनों के दौरान मौद्रिक नीतियों में कड़ाई के बावजूद इकोनॉमिक इंडीकेटर मिलेजुले रहे हैं। लेबर मार्केट ने अच्छी मजबूती दिखाई है। हालांकि अब मांग पर दबाव दिख रहा है। लेकिन यह दबाव भी उम्मीद से कम है। यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़त पर विराम के संकेत नजर आ रहे हैं। ऐसे में आगे हमें मंदी को लेकर बहुत ज्यादा डर नजर नहीं आ रहा है। आगे ब्याज दरों मं कटौती देखने को मिल सकती है। मंदी आने की अभी तक दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं दिख रही है।

लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी संकट घंटी बजाकर नहीं आता। इसके अलावा कंपनियों की कमाई में कमी के कारण बेरोजागरी बढ़ सकती है। इससे इकोनमिक ग्रोथ और खपत पर निगेटिव असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार के लिए अक्सर सबसे बड़ा खतरा आत्मसंतुष्टि होती है। लिहाजा लापरवाह होने की जरूरत नहीं है।

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