आज BIG MARKET VOICES में फंडामेंटल आउटलुक समझाने के लिए सीएनबीसी-आवाज के साथ वैल्यूक्वेस्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स ( ValueQuest Investment Advisors) के CIO रवि धर्मशी जुड़े। इनको भारतीय शेयर बाजार में 21 साल से ज्यादा का अनुभव है। रवि RARE एंटरप्राइजेज के साथ 4 साल रहे हैं। कल आए ग्रामीण और शहरी इलाकों के खपत के आंकडों पर बात करते हुए रवि धर्मशी ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ने से ब्रैंडेट कंपनियों को कम फायदा होता है। क्योंकि ग्रामीण इलाकों में लोकल या अनऑर्गनाइज्ड कंपनियों का बोलबाला होता हैं। वहीं, शहरों में ब्रांडेड चीजों पर खर्च ज्यादा होता है। ब्रांडेड चीजों की कंपनियां ही शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ने को बावजूद खपत वाली कंपनियों के शेयरों में सुधार नहीं दिखा है।
इसके अलावा सरकार करीब 3 साल से मुफ्त अनाज बांट रही है। इसकी वजह से ग्रामीण इलाकों में फूड पर होने वाला खर्च कम होकर डिस्क्रीशनरी आइटम पर शिफ्ट हो गया है। इसका मतबल ये नहीं है कि लोगों की खर्च करने की क्षमता में बढ़त हुई है। जब फार्म इनकम बढ़ेगी, श्रमिकों का वेतन बढ़ेगा तभी इसका इकोनॉमी और बाजार पर सही असर दिखेगा।
रवि धर्मशी ने आगे कहा कि वे इसी बात का इंतजार कर रहे हैं। अगले 5-10 साल में देश में खपत में जोरदार बढ़त होगी और ग्रामीण खपत की इसमें बड़ी हिस्सेदारी होगी। उन्होंने आगे कहा कि इस समय खपत से जुड़े शेयर उनके राडार पर हैं। इस सेक्टर में साइकिल बदलने और वैल्यूएशन सस्ते होने का इंतजार है जो अगले 12-18 महीने में होता दिख सकता है।
इस बातचीत में रवि धर्मशी ने आगे कहा कि कैपिटल गुड्स और मैन्युफैक्चरिंग का प्रदर्शन अच्छा है। लेकिन एक्सपोर्ट से जुड़ी कंपनियां अच्छा नहीं कर रही है। रियल्टी में प्रीमियम सेगमेंट की डिमांड बेहतर है। आगे कैपिटल मार्केट से जुड़ी कंपनियां अच्छा करेंगी। इसके अलावा कैपेक्स साइकल जारी है। ग्रीन एनर्जी पर फोकस बढ़ा है। कैपेक्स साइकल का मिक्स बदल रहा है। उन्होंने बताया कि वे कंसॉलिडेशन स्टोरी के चलते PSU बैंक से दूर हैं। वहीं, डिफेंस कंपनियों में निवेश पसंद है।
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