Mutual Funds with exposure to US stocks: डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक बार फिर से फोकस में है। अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश करने वाले अधिकतर घरेलू म्यूचुअल फंड लगातार अच्छा रिटर्न दे रहे हैं। इस साल अब तक अमेरिकी शेयर बाजार पर फोकस करने वाली करीब 20 म्यूचुअल फंड स्कीमों ने औसतन 24% रिटर्न दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे अब लगभग साफ हो चुके हैं। ऐसे में अब क्या भारतीय निवेशकों को अमेरिकी शेयर बाजार पर फोकस करने वाले म्यूचुअल फंड स्कीमों पर विचार करना चाहिए?
ट्रंप की जीत की संभावना से आज शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिली। बाजार में लंबे समय से चली आ रही एक अनिश्चितता खत्म हो गई। Stratzy के कोफाउंडर और सीईओ मोहित भंडारी का मानना है कि स्पष्ट बहुमत से निवेशकों की चिंताओं को कम करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, "बाजार स्थिरता और पूर्वानुमान पर आगे बढ़ता है। बहुमत के साथ जीत अनिश्चितता को कम करती है, जिससे बिजनेसेज और निवेशक अधिक आत्मविश्वास के साथ योजना बना सकते हैं।"
उनका कहना है कि भारतीय निवेशकों के लिए इस मोड़ पर अमेरिका-आधारित फंड्स को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ना एक अच्छा विकल्प हो सकता है और इससे उनका डायवर्सिफिकेशन भी बेहतर होगा।
अमेरिका पर फोकस करने वाले म्यूचुअल फंड क्यों?
अमेरिका की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया के ग्रोथ का एक पावरहाउस रही है, खासकर तकनीक के क्षेत्र में। इस साल अमेरिका-आधारित म्यूचुअल फंड्स का रिटर्न भी मजबूत रहा है। ऐसे में जो लोग अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करना चाहते हैं, उन्हें अच्छी अमेरिकी कंपनियों में निवेश से पोर्टफोलियो में लचीलापन और ग्रोथ दोनों का लाभ मिल सकता है।
अरिहंत कैपिटल की चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर श्रुति जैन भारतीय निवेशकों को शार्ट-टर्म की जगह अमेरिकी बाजारों की लॉन्ग-टर्म पर ध्यान देने की सलाह देती है। उन्होंने कहा, "चुनाव का मुद्दा शांत हो जाने के बाद, फोकस वापस आर्थिक आंकड़ों और कॉरपोरेट अर्निंग्स जैसी बुनियादी बातों पर वापस आ जाएगा। निवेशकों को शार्ट-टर्म अस्थिरता से हटकर देखना चाहिए और लॉन्ग-टर्म पर फोकस करना चाहिए।"
अमेरिकी शेयर बाजार पर फोकस करने वाले कुछ प्रमुख म्यूचुअल फंड स्कीमों के नाम और उनके 1 साल व 3 साल के रिटर्न को आप नीचे टेबल में देख सकते हैं-
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