SBI कार्ड्स, बजाज फाइनेंस, HDFC Bank और ICICI Bank सहित टॉप बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) शेयरों में 17 नवंबर को 7 प्रतिशत तक की गिरावट आई। इस गिरावट के पीछे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की कड़ाई है। दरअसल RBI ने बैंकों और NBFC के लिए कंज्यूमर लोन का रिस्क वेटेज 25% बढ़ा दिया है। इसका मतलब कि अनसिक्योर्ड लोन डूबने के डर को देखते हुये बैंकों को अब पहले से 25% ज्यादा प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी। बैंकों और NBFC के लिए अभी तक कंज्यूमर क्रेडिट का रिस्क वेटेज 100% था, जिसे अब बढ़ाकर 125% कर दिया गया है।
इसके बाद टॉप बैंकिंग और NBFC के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। बजाज फाइनेंस का शेयर करीब 3.5 प्रतिशत तक, एसबीआई कार्ड्स 7 प्रतिशत तक, एचडीएफसी बैंक 1.2 प्रतिशत तक, RBL Bank 10 प्रतिशत तक नीचे आया। एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि हायर अनसिक्योर्ड क्रेडिट रिस्क, लेंडर्स के कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो (CARs) पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। CAR से यह आइडिया लगता है कि किसी बैंक के पास घाटे को कवर करने और कठिन वित्तीय परिस्थितियों में सॉल्वेंट बने रहने के लिए पर्याप्त फंड है या नहीं।
RBI ने कहा कि है कि हाउसिंग, शिक्षा, वाहन और गोल्ड लोन को छोड़कर, बैंकों और NBFC के लिए कंज्यूमर लोन का रिस्क वेटेज पहले के 100 प्रतिशत से 125 प्रतिशत कर दिया है। बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड लोन के लिए रिस्क वेटेज 125 प्रतिशत से बढ़ाकर 150 प्रतिशत कर दिया गया।
बजाज फाइनेंस के लिए सीएलएसए और सिटी के एनालिस्ट्स ने सीएआर पर 230 बेसिस पॉइंट्स (बीपीएस) तक का प्रभाव दर्शाया है। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और एसबीआई के मामले में क्रेडिट जोखिम में वृद्धि, सीईटी-1 को क्रमशः 50 बीपीएस, 42 बीपीएस, 36 बीपीएस और 27 बीपीएस तक प्रभावित करेगी। सीएलएसए के एनालिस्ट्स ने बैंकों के लिए टियर-1 पूंजी में 40-80 बीपीएस और एसबीआई कार्ड्स के मामले में 415 बीपीएस की कटौती का अनुमान जताया है।
Paytm जैसी कंपनियां भी होंगी प्रभावित
सीएलएसए ने कहा कि पेटीएम जैसे फिनटेक इंटरमीडियरीज की विकास दर भी प्रभावित होगी। मॉर्गन स्टेनली ने चेतावनी दी कि उपभोक्ता ऋण और बैंक फंडिंग पर आरबीआई के एक्शन से उधार लेने और उधार देने की दरें बढ़ जाएंगी। एनालिस्ट्स का मानना है कि इस बीच हाउसिंग फाइनेंस के स्टॉक को फायदा हो सकता है।