Stock market:T+1 सिस्टम से तेजी से होगा ट्रेड सेटलमेंट, स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी और ट्रेड वॉल्यूम में होगा इजाफा

ट्रेड-प्लस-वन सेटलमेंट सिस्टम लागू होने के बाद भारत इस सिस्टम को लागू करने वाला एशिया का दूसरा देश बन जाएगा। बता दें चीन अपने यहां पहले से ही T+1 सेटलमेंट साइकिल लागू कर चुका है। मार्केट एक्सपर्ट इस बदलाव को भारतीय इक्विटी मार्केट की एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं

अपडेटेड Jan 24, 2023 पर 6:08 PM
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कोटक सिक्योरिटीज के सुरेश शुक्ला का कहना है कि नए सेटलमेंट सिस्टम के लागू होने से एक्सचेंजों की कार्यक्षमता में बढ़त होगी। जिससे फंड और स्टॉक्स की रोलिंग तेजी से होगी

 RAVI PRAKASH KUMAR

शुक्रवार, 27 जनवरी 2023 से भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सभी स्क्रिपों पर 'ट्रेड-प्लस-वन' (T+1) सेटलमेंट साइकिल लागू हो जाएगी। ये भारतीय इक्विटी मार्केट के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। अब सभी लार्जकैप और ब्लू-चिप कंपनियों के शेयर नए इस सेटलमेंट सिस्टम में शिफ्ट हो जाएंगे। ट्रेड-प्लस-वन सेटलमेंट सिस्टम लागू होने के बाद भारत इस सिस्टम को लागू करने वाला एशिया का दूसरा देश बन जाएगा। बता दें चीन अपने यहां पहले से ही T+1 सेटलमेंट साइकिल लागू कर चुका है। मार्केट एक्सपर्ट इस बदलाव को भारतीय इक्विटी मार्केट की एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। आइये आज हम ये जानने की कोशिश करते हैं कि T+1 सेटलमेंट सिस्टम है क्या इसके नियम क्या हैं और बाजार पर इसके असर के बारे में एक्सपर्ट्स की क्या राय है।

क्या है T+1 सेटलमेंट


T+1 नियम का सीधा सा मतलब ये है कि किसी ट्रेड से जुड़े सभी कामों का निपटान ट्रेड होने के बाद 1 दिन या 24 घंटे के अंदर पूरा हो जाना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आप निवेशक हैं और आपने सोमवार को 50 शेयर खरीदें हैं तो ये 50 शेयर मंगलवार को आपके डीमैट अकाउंट में दिखने चाहिए। किसी भी ट्रेड का सेटलमेंट साइकिल तब पूरा होता है। जब शेयर खरीदने वाले को उसके शेयर मिल जाएं और शेयर बेचने वाले को उसका पैसा मिल जाए।

क्या है मौजूदा नियम

मौजूदा समय में भारतीय इक्विटी बाजार में T+2 रोलिंग सेटलमेंट का नियम लागू है। इसका मतलब ये है कि अगर आप सोमवार को कोई शेयर खरीदते हैं तो ये शेयर 2 दिन बाद यानी बुधवार को आपके डीमैट अकाउंट में आएंगे। लेकिन भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पिछले साल के फरवरी महीने से ही धीरे-धीरे T+2 से सेटलमेंट की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। शुरुआत में 100 शेयर T+2 से T+1में शिफ्ट किए गए थे। उसके बाद से हर महीने 500 इक्विटी शेयर उनके बढ़ते मार्केट वैल्यू के आधार पर T+2 से T+1 में शिफ्ट किए गए हैं। मार्केट कैप के लिहाज से 200 से ज्यादा सबसे बड़ी भारतीय कंपनियों के T+2 से T+1 में शिफ्ट होने के बाद NSE ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि अब शेयरों के T+2 से T+1 में शिफ्ट होने की कोई नई सूची जारी नहीं होगी। इसका मतलब है कि अब स्टॉक मार्कट में T+2 सिस्टम लागू करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

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T+1 रूल पर क्या है एक्सपर्ट की राय

मार्केट एक्सपर्ट और बाजार के दूसरे भागीदारों ने नए सेटलमेंट सिस्टम में तेजी से हुई शिफ्टिंग के लिए पॉलिसी मेकर की प्रशंसा की है। ग्रीन पोर्टफोलियो के दिवम शर्मा का कहना है कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अमेरिका जैसा बड़ा और साधन संपन्न देश भी अभी ये उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है। T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होने से फंड की रोलिंग ज्यादा तेजी से हो सकेगी। जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ेगा। उन्होंने इस नए सिस्टम को निवेशकों के लिए गणतंत्र दिवस का उपहार कहा है।

दिवम शर्मा आगे कहा कि ट्रेड के तेजी से सेटलमेंट होने से निवेशकों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी। जिसके चलते निवेश के दूसरे विकल्पों की तुलना में इक्विटी निवेश को बढ़त हासिल होगी। कोटक सिक्योरिटीज के सुरेश शुक्ला का कहना है कि नए सेटलमेंट सिस्टम के लागू होने से एक्सचेंजों की कार्यक्षमता में बढ़त होगी। जिससे फंड और स्टॉक्स की रोलिंग तेजी से होगी।

Complete Circle के सीआईओ गुरमीत चढ्ढा ने ट्विटर पर कहा "गणतंत्र दिवस के बाद सभी इक्विटी सेटलमेंट T+1 में होंगे। हमारा डिजिटल इकोसिस्टम दुनिया में सबसे बेहतर है"।

 

 RAVI PRAKASH KUMAR

MoneyControl News

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First Published: Jan 24, 2023 6:08 PM

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