Trade setup for today:बाजार खुलने के पहले इन आंकड़ों पर डालें एक नजर, मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में होगी आसानी
निफ्टी बैंक के लिए पहला सपोर्ट 35,030.33 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 34,876.86 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 35,344.83 फिर 35,505.86 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है.
निफ्टी के लिए पहला सपोर्ट 17,179.53 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 17,125.87 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 17,268.53 फिर 17,303.87 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
28 दिसंबर को बाजार में लगाताार दूसरे दिन तेजी देखने को मिली। कल के कारोबार में निफ्टी 17200 का स्तर पार करते दिखा। इस तेजी में सभी सेक्टरों का योगदान रहा। अच्छे ग्लोबल संकेतों से भी बाजार को सपोर्ट मिला। BSE Sensex कल 477 अंक बढ़कर 57,897 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, Nifty50 147 अंक बढ़कर 17,233 के स्तर पर बंद हुआ और इसने डेली चार्ट पर एक बुलिश कैंडल बनाया।
Axis Securities के राजेश पलवीय का कहना है कि निफ्टी ने पिछले सेशन की तुलना में हायर हाई- लो बनाते हुए डेली चार्ट पर एक बड़ा बुलिश कैंडल बनाया है और पिछले सेशन के हाई के ऊपर बंद हुआ है। बाजार के लिए एक पॉजिटिव संकेत है। 17,161-17,112 के रेंज में बना बुलिश गैप निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट का काम करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि डेली चार्ट पर निफ्टी में ऊपर की तरफ का रुख देखने को मिल रहा है और हायर टॉप और बॉटम फार्मेशन देखने को मिल रहा है। निफ्टी के लिए शॉर्ट टर्म ट्रेंड 17,500-16,800 के बड़े रेंज के साथ बुलिश हो गया है। राजेश पालवीय की सलाह है कि 17,100-17,000 की तरफ की पुल बैक रैली में 16,900 के स्टॉप लॉस के साथ खरीदारी के मौके तलाशने चाहिए।
यहां आपको कुछ ऐसे आंकडे दे रहे हैं जिनके आधार पर आपको मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में आसानी होगी। यहां इस बात का ध्यान रखें कि इस स्टोरी में दिए गए ओपन इंटरेस्ट (OI)और स्टॉक्स के वॉल्यूम से संबंधित आंकड़े तीन महीनों के आंकड़ों का योग हैं, ये सिर्फ चालू महीनें से संबंधित नहीं हैं।
Nifty के लिए की सपोर्ट और रजिस्टेंस लेवल
निफ्टी के लिए पहला सपोर्ट 17,179.53 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 17,125.87 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 17,268.53 फिर 17,303.87 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
Nifty Bank
निफ्टी बैंक के लिए पहला सपोर्ट 35,030.33 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 34,876.86 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 35,344.83 फिर 35,505.86 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
कॉल ऑप्शन डेटा
18000 की स्ट्राइक पर 72.81 लाख कॉन्ट्रैक्ट का अधिकतम कॉल ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है जो दिसंबर सीरीज में अहम रजिस्टेंस लेवल का काम करेगा। इसके बाद 17500 पर सबसे ज्यादा 67.90 लाख कॉन्ट्रैक्ट का कॉल ओपन इंटरेस्ट देखने को मिल रहा है। वहीं, 17300 की स्ट्राइक पर 48.92 लाख कॉन्ट्रैक्ट का कॉल ओपन इंटरेस्ट है।
17300 की स्ट्राइक पर काल राइटिंग देखने को मिली। इस स्ट्राइक पर 10.87 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़े। उसके बाद 17500 पर भी 8.8 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़ते दिखे हैं।
17000 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल अनवाइंडिंग देखने को मिली। इसके बाद 17100 और फिर 18000 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल अनवाइंडिंग रही।
पुट ऑप्शन डेटा
17000 की स्ट्राइक पर 99.08 लाख कॉन्ट्रैक्ट का अधिकतम पुट ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है जो दिसंबर सीरीज में अहम रजिस्टेंस लेवल का काम करेगा। इसके बाद 16500 पर सबसे ज्यादा 69.19 लाख कॉन्ट्रैक्ट का पुट ओपन इंटरेस्ट देखने को मिल रहा है। वहीं, 17100 की स्ट्राइक पर 52.17 लाख कॉन्ट्रैक्ट का पुट ओपन इंटरेस्ट है।
17200 की स्ट्राइक पर पुट राइटिंग देखने को मिली। इस स्ट्राइक पर 36.96 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़े। उसके बाद 17100 पर भी 19.95 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़ते दिखे हैं। जबकि 17300 पर 10.04 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़े हैं।
16700 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा पुट अनवाइंडिंग देखने को मिली। इसके बाद 18000 और फिर 17800 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा पुट अनवाइंडिंग रही।
हाई डिलिवरी परसेंटेज वाले शेयर
इनमें आईसीआईसीआई बैंक, जीएसपीएल, आईजीएल और एचडीएफसी के नाम शामिल हैं। हाई डिलिवारी परसेंटेज इस बात का संकेत होता है कि निवेशक उन शेयरों में रुचि दिखा रहे हैं।
FII और DII आंकड़े
28 दिसंबर को भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 207.31 करोड़ रुपए की खरीदारी की। वहीं, इस दिन घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 567.47 करोड़ रुपए की खरीदारी की।
NSE पर F&O बैन में आने वाले शेयर
2 दिसंबर को NSE पर 3 स्टॉक F&O बैन में हैं। इनमें Indiabulls Housing Finance, Vodafone Idea, और RBL Bankके नाम शामिल हैं। बताते चलें कि F&O सेगमेंट में शामिल स्टॉक्स को उस स्थिति में बैन कैटेगरी में डाल दिया जाता है, जिसमें सिक्योरिटीज की पोजीशन उनकी मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट से ज्यादा हो जाती है।