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US-China trade deal : अमेरिकी और चीन के बीच ट्रेड डील पर बनी सहमति, आईटी और मेटल शयरों में जोरदार तेजी

US-China trade deal : US से चीन को 143.5 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट होता है। वहीं, चीन से US को 439 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट होता है। ट्रेड डील केअसर की बात करें तो डाओ फ्यूचर्स में 1000 अंकों की तेजी है। वहीं, ब्रेंट क्रूड फिर 66 डॉलर के ऊपर निकल गया है। सोने में तेज बिकवाली आई है और ये करीब 3 फीसदी नीचे आ गया है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड May 12, 2025 पर 2:09 PM
US-China trade deal : अमेरिकी और चीन के बीच ट्रेड डील पर बनी सहमति, आईटी और मेटल शयरों में जोरदार तेजी
मेटल शेयरों में भी जोरदार चमक देखने को मिल रही है। US-चीन ट्रेड डील से मेटल सेक्टर में तेजी आई है। इस डील से कमोडिटी कीमतों में स्थिरता की उम्मीद है

US-China trade : अमेरिकी और चीन के बीच ट्रेड डील पर सहमति बन गई है। फिलहाल 90 दिनों के लिए अमेरिका ने टैरिफ 145 फीसदी से घटाकर 30 फीसदी किया है। वहीं चीन भी टैरिफ घटाकर 10 फीसदी करेगा। US-चीन के बीच ट्रेड डील संपन्न होने के कगार पर है। इस डील के तहत दोनों देश 8-9 अप्रैल से लागू प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम करेंगे। US पर लगाए अतिरिक्त टैरिफ में बदलाव करेंगे। US चीन पर लगाए टैरिफ कम करेगा। US पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ की समीक्षा की जाएगी। चीन भी अतिरिक्त Ad Valorem रेट में कटौती करेगा। चीन अतिरिक्त Ad Valorem रेट घटाकर 10 फीसदी करेगा।

US-चीन के बीच होने वाले ट्रेड पर नजर डालें तो US से चीन को 143.5 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट होता है। वहीं, चीन से US को 439 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट होता है। ट्रेड डील केअसर की बात करें तो डाओ फ्यूचर्स में 1000 अंकों की तेजी है। वहीं, ब्रेंट क्रूड फिर 66 डॉलर के ऊपर निकल गया है। सोने में तेज बिकवाली आई है और ये करीब 3 फीसदी नीचे आ गया है।

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील से अमेरिका में मंदी आशंका घटेगी और कई सेक्टर्स को बूस्ट मिल सकता है। IT और मेटल उन सेक्टर में शामिल जिन्हें इस डील का फायदा मिल सकता है। इस डील के IT और मेटल सेक्टर पर पॉजिटिव असर के उम्मीद में इन सेक्टरों के शेयरों में जोरदार तेजी आई है। पहले आइए इस सेक्टर की स्थिति पर एक नजर डाल लेते हैं।

IT सर्विस कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे कमजोर रहे हैं। IT कंपनियों ने गाइडेंस भी घटाया है और प्रोजेक्ट रैम्प-अप में देरी की बात कही है। कुछ वर्टिकल में खर्च को लेकर सतर्कता दिखी है। US में टैरिफ अनिश्चितता के चलते आईटी पर सतर्क नजरिया रहा है। टेलीकॉम, हाई-टेक और हेल्थकेयर में होने वाले आईटी खर्च का आउटलुक मिलाजुला रहा है। वही, रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग के IT स्पेंडिंग के आउटलुक में कमजोरी है।

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