Stock Markets: तीन दिन में 1,300 अंक लुढ़का सेंसेक्स, आखिर कब रुकेगी शेयर बाजार में जारी गिरावट? जानें

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले के गुरुवार 21 सितंबर को भारत के दोनों बेंचमार्क इंडेक्स- सेंसेक्स और निफ्टी आधा प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ खुले। यह लगातार तीसरा दिन है, जब बाजार ने लाल निशान में कारोबार किया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि US फेड के फैसले का भारतीय बाजार पर नकारात्मक असर केवल कुछ दिनों के लिए ही रहेगा

अपडेटेड Sep 21, 2023 पर 4:17 PM
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि US फेड के पास ब्याज दरों में बढ़ोतरी का कोई वास्तविक कारण नहीं है

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार 20 सितंबर को हुई बैठक में बेंचमार्क रेट को 5.25-5.50 प्रतिशत पर बरककार रखा। हालांकि उसने इस साल के अंत में दरों को बढ़ाने का संकेत दिया है। फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार 1.5 प्रतिशत तक गिर गए। वहीं नैस्डैक 1.53 प्रतिशत नीचे बंद हुआ। वहीं अधिकतर एशियाई शेयर बाजार इस फैसले के बाद गुरुवार 21 सितंबर लाल रंग में कारोबार कर रहे थे। जापान का निक्केई-225 इंडेक्स 1.26% तक गिर गया था। कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच भारत के दोनों बेंचमार्क इंडेक्स- सेंसेक्स और निफ्टी आधा प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ खुले।

हालांकि इंडियाचार्ट्स (Indiacharts) के फाउंडर रोहित श्रीवास्तव का मानना है कि यूएस फेड के फैसले का भारतीय बाजार पर नकारात्मक असर केवल कुछ दिनों के लिए ही रहेगा। रोहित ने कहा, "आंकड़े पहले ही अमेरिका में महंगाई के कम होने का संकेत दे रहे हैं। अमेरिका में कोर CPI अगस्त में 4.65 प्रतिशत से घटकर 4.35 प्रतिशत पर आ गई। ऐसे में फेडरल रिजर्व की ओर से आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी का कोई वास्तविक कारण नहीं बनता है।"

उन्होंने कहा, "फेडरल रिजर्व अचनाक किसी फैसले से बाजार को हैरान नहीं करना चाहता। ऐसे में उसने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना को बरकरार रखा है। अगर सामान्य तौर पर चीजें अगर इसी तरह चलती रहती है, तो मुझे नहीं लगता कि उन्हें ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जरूरत होगी।"


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अमेरिका में महंगाई दर स्थिर बनी हुई है। वहां के लेबल ब्यूरो के आंकड़ों से पता चला है कि अगस्त में सालाना महंगाई दर 3.2 प्रतिशत से बढ़कर 3.7 प्रतिशत हो गई, लेकिन कोर सीपीआई या कोर इंफ्लेशन रेट अगस्त में 4.65 प्रतिशत से घटकर 4.35 प्रतिशत हो गई। कोर CPI में फूड और एनर्जी की कीमतों को नहीं शामिल किया जाोता है। इस बीच, बेरोजगारी के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, अगस्त में यह संख्या एक महीने पहले के 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 3.8 प्रतिशत हो गई है।

श्रीवास्तव के मुताबिक, भारतीय बाजारों में शॉर्ट-टर्म के लिए ब्याज दरों का असर दिख रहा है, जो कुछ समय के लिए उच्च स्तर पर बनी रह सकती हैं। उन्होंने कहा, "जाहिर है कि शॉर्ट-टर्म में इसका घरेलू बाजारों पर नकरात्मक असर दिखा है, जो 1 से 3 दिनों तक जारी रह सकती है। किन उसके बाद सुधार होना चाहिए। वोलैटेलिटी इंडेक्स (VIX) नीचे आया है जो न केवल भारतीय और अमेरिकी बाजारों में बल्कि हर जगह अस्थिरता में गिरावट को दिखाता है।"

डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

Vikrant singh

Vikrant singh

First Published: Sep 21, 2023 4:17 PM

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