जनवरी में अमेरिकी स्टॉक मार्केट (US Stock Markets) रिकॉर्ड ऊंचाई पर थे। तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि साल का मध्य आते-आते हालात इतने खराब हो जाएंगे। शुक्रवार को मई के इनफ्लेशन के डेटा आने पर अमेरिका शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट आई थी। सोमवार को भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। डाओ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 2.79 फीसदी गिर गया। नैस्डेक 4.68 फीसदी फिसला। एसएंडपी 500 भी 3.88 फीसदी लुढ़क गया।
सोमवार को S&P 500 के पांच स्टॉक को छोड़ सभी लाल निशान में बंद हुए। यह सूचकांक जनवरी की अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से 20 फीसदी से ज्यादा टूट गया है। इस तरह मार्केट बियर मार्केट में एंटर कर गया है। जब स्टॉक मार्केट ज्यादा गिर रहा हो तो फंड मैनेजर बॉन्ड जैसे दूसरे ऑप्शन के बारे में सोचने लगते हैं। अभी ऐसी ही स्थिति दिख रही है। लेकिन, चिंता की बात यह है कि बॉन्ड सहित दूसरे ऑप्शन में भी छुपने की जगह नहीं दिख रही है।
सोमवार को फाइनेंशियल मार्केट में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। बॉन्ड में बड़ी गिरावट से दो साल के यूएस ट्रेजरी की यील्ड 0.29 फीसदी बढ़ गई। गुरुवार रात से यील्ड में 0.54 फीसदी उछाल आ चुका है। यह 2008 के बाद से दो दिन में यील्ड में आया सबसे बड़ा उछाल है। यह इस बात का संकेत है कि फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट कितना बढ़ाएगा, इसे लेकर एकराय नहीं है।
पिछले कुछ सालों में इनवेस्टर्स को मोटा मुनाफा देने वाली क्रिप्टोकरेंसीज का बुरा हाल है। बिटकॉइन सहित दूसरी प्रमुख क्रिप्टो की कीमतें लगातार गिर रही हैं। सोमवार को क्रिप्टोकरेंसीज में इतनी तेज गिरावट आई कि एक पॉपुलर मनी प्लेटफॉर्म ने पैसे निकालने पर रोक लगा दी। इनवेस्टर्स अभी छुपने की जगह तलाश रहे हैं। यही वजह है कि डॉलर इंडेक्स करीब दो दशक की ऊंचाई पर पहुंच गया है।
ऐसे में फिर से 2008 की ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस की याद ताजा हो गई है। Thornburg Investment Management के पोर्टफोलियो मैनेजर क्रिस्टियन हॉफमैन ने कहा कि मार्केट लिक्विडिटी के लिहाज से हालात 2008 के डार्क डेज जैसे दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, "अभी लिक्विडिटी की स्थिति लीमैन के पहले के दिनों से भी ज्यादा खराब है।" शुक्रवार को इनफ्लेशन में उछाल के बाद इनवेस्टर्स को यह चिंता सता रही है कि फेडरल की मॉनेटरी पॉलिसी इतनी सख्त होगी, जिससे इकोनॉमी मंदी में जा सकती है।