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Vandan Foods IPO Listing: ₹115 का शेयर 28% प्रीमियम पर लिस्ट, फिर मुनाफावसूली में हुआ धड़ाम

Vandan Foods IPO Listing: वंदन फूड्स रिफाइंड एफएसजी कैस्टर ऑयल और कैस्टर डी-ऑयल केक बनाती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Jul 07, 2025 पर 4:03 PM
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Vandan Foods IPO Listing: वंदन फूड्स का ₹30.36 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 30 जून से 2 जुलाई तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Vandan Foods IPO Listing: रिफाइंड एफएसजी कैस्टर ऑयल और कैस्टर डी-ऑयल केक बनाने वाली वंदन फूड्स के शेयरों की आज BSE SME पर धांसू एंट्री हुई। खुदरा निवेशकों के दम पर इसके आईपीओ को ओवरऑल 3 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹115 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी ₹125.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 8.70% का लिस्टिंग गेन (Vandan Foods Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर यह ₹118.75(Vandan Foods Share Price)  के लोअर सर्किट पर आ गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 3.26% मुनाफे में हैं।

Vandan Foods IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

वंदन फूड्स का ₹30.36 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 30 जून से 2 जुलाई तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 1.75 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा महज 0.41 गुना और खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित आधा हिस्सा 3.09 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 26.40 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹8.57 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों, ₹3 करोड़ कर्ज चुकाने, ₹8.29 करोड़ धिनोज फैसिलिटी के विस्तार और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।


Vandan Foods के बारे में

वर्ष 2015 में बनी वंदन फूड्स रिफाइंड एफएसजी कैस्टर ऑयल और कैस्टर डी-ऑयल केक बनाती है। रिफाइंड कैस्टर ऑयल फर्स्ट स्टेज ग्रेड (FSG) का इस्तेमाल लुब्रिकेंट्स, पेंट्स, फार्मा और टेक्सटाइल्स इत्यादि में होता है। इसके हेल्थ बेनेफिट्स भी हैं जैसे कि यह कब्ज में राहत देता है तो बालों और स्किन की ग्रोथ को लेकर भी यह फायदेमंद है। वहीं कैस्टर डी-ऑयल केक नाइट्रोजन, फॉस्फोरिक एसिड और पोटाश से भरपूर एक नेचुरल खाद है। कंपनी का कारोबार बी2बी और बी2सी, दोनों तरीकों से चलता है यानी कि यह सीधे कारोबारियों को माल सप्लाई करती ही है, कंज्यूमर्स को भी सामान बेचती है। इसके प्रोडक्ट्स की सप्लाई गुजरात, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, बिहार, राजस्थान और तेलंगाना में होती है। इसकी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी गुजरात के धिनोज पाटन में दो जगहों पर है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे ₹11 लाख का शुद्ध घाटा हुआ था लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2023 में यह ₹64 लाख के शुद्ध मुनाफे में आ गई जोकि वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर ₹2.64 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू भी तेजी से बढ़ा और वित्त वर्ष 2022 में ₹1.61 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में ₹11.59 करोड़ और फिर वित्त वर्ष 2024 में ₹48.73 करोड़ पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो अप्रैल-दिसंबर 2024 में इसे ₹4.54 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹72.66 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हुआ था।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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