Vedanta Shares: वेदांता के शेयरों में गुरुवार 10 जून को लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली। सुबह 11.30 बजे के करीब, कंपनी के शेयर लगभग 1.5 फीसदी लुढ़ककर 434.30 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। इससे पहले बुधवार को इसके शेयरों में इंट्राडे के दौरान 8 फीसदी तक की तेज गिरावट देखने को मिली थी। यह गिरावट अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म, वायसराय रिसर्च (Viceroy Research) की एक रिपोर्ट के बाद आया है। वायसराय रिसर्च ने वेदांता की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
वायसराय रिसर्च ने बताया कि उसे वेदांता रिसोर्सेज का हाल किसी 'पोंजी स्कीम' जैसा लगता है और उसने कंपनी के डेट में शॉर्ट पोजिशन ली है। उसने वेदांता रिसोर्सेज को एक 'पैरासाइट' यानी परजीवी होल्डिंग कंपनी करार दिया, "जिसका खुद का कोई मेन कारोबार नहीं है और वह पूरी तरह से अपनी मरणासन्न सब्सिडियरी कंपनी, वेंदाता से निकाली गई नकदी पर टिकी है।"
वायसराय ने आगे कहा कि अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली कंपनी अपने कर्ज को चुकाने के लिए वेदांता को व्यवस्थित रूप से चूस रही है। उसने आगे कहा, "अपने शॉर्ट-टर्म दायित्वों को पूरा करने के लिए वेदांता रिसोर्सेज ने जो कदम उठाए हैं, वो सीधे तौर पर उसके लेनदारों की मूलधन वसूलने की लॉन्ग-टर्म क्षमता को कमजोर कर रही हैं। यह स्थिति एक पोंजी स्कीम जैसी दिखती है, वेदांता के स्टेकहोल्डर्स और वेदांता रिसोर्सेज के क्रेडिटर्स 'मूर्ख' बनते जा रहे हैं।"
वेंदाता ने आरोपों को बताया झूठ का पुलिंदा
इस रिपोर्ट के आने के बाद वेंदाता रिसोर्सेज के शेयर बुधवार 9 जुलाई को कारोबार के दौरान 8 फीसदी तक लुढ़क गए थे। हालांकि बाद में इसने कुछ रिकवरी की और कारोबार के अंत में करीब 3 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। यह रिकवरी वेदांता की ओर से जारी एक स्पष्टीकर के बाद आया, जिसमें उसने वायसराय रिसर्च के सभी आरोपों को काफी पुरजोर तरीके से खारिज किया।
वेदांता ने शेयर बाजारों को भेजे बयान में कहा, "वायसराय रिसर्च की रिपोर्ट गलत जानकारी और बेबुनियाद आरोपों का मिला-जुला प्रोपेगेंडा" है, जिसका मकसद सिर्फ ग्रुप की साख को नुकसान पहुंचाना है। यह रिपोर्ट बिना हमसे संपर्क किए जारी की गई है। इसका उद्देश्य केवल झूठा प्रचार करना है। इसमें जो बातें कही गई हैं, वो पहले से सार्वजनिक डोमेन में मौजूद हैं। लेकिन रिपोर्ट के लेखकों ने उन्हें तोड़-मरोड़ कर पेश किया है ताकि बाजार में हलचल मचाकर मुनाफा कमाया जा सके।"
कंपनी ने यह भी कहा कि वह अपने सभी वित्तीय दायित्वों का पालन कर रही है और ग्रुप की वित्तीय स्थिति मजबूत है। निवेशकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक बयानों पर भरोसा करें।
वायसराय रिसर्च की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब वेदांता के शेयरधारों की आज 10 जुलाई को सालाना जनरल मीटिंग (AGM) होने वाली है। इस बैठक में सबका ध्यान चेयरमैन अनिल अग्रवाल के भाषण पर होगा, जिसमें शॉर्ट-सेलर फर्म के आरोपों का जवाब दिया जा सकता है।
हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में भी गिरावट
हिंदुस्तान जिंक के शेयर भी लगातार दूसरे दिन लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। दोपहर 11.30 बजे के करीब, कंपनी के शेयर करीब एक फीसदी गिरकर 421 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे।
बेस मेटल्स के सीईओ ने छोड़ी कंपनी
इस बीच न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में बताया कि वेदांता रिसोर्सेज के बेस मेटल्स के सीईओ, क्रिस ग्रिफिथ ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। वह साउथ अफ्रीका और नामिबिया में वेंदाता कि जिंक खदानों सहित कई एसेट्स के प्रभारी थे। इसके अलावा वह कंपनी के इंटरनेशनल बिजनेस के भी प्रेसिडेंट थे। मनीकंट्रोल इस रिपोर्ट की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है।
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