Vodafone Idea Share Price: वित्तीय दबावों से जूझ रही वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयर अगले साल चुनाव के चलते आज तीन फीसदी से अधिक टूटकर बंद हुए हैं। इंट्रा-डे में तो यह एक साल के निचले स्तर पर फिसल गया था। शेयरों की गिरावट के पीछे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का कनेक्शन चौंकाने वाला तो है लेकिन इसकी सॉलिड वजह भी है। वजह ये है कि घरेलू ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्योरिटीज का आकलन लगाया है कि वोडाफोन आइडिया समेत टेलीकॉम सेक्टर के टैरिफ में बढ़ोतरी अब चुनाव बाद ही हो सकती है। इसके शेयर आज बीएसई पर 3.67 फीसदी की गिरावट के साथ 6.04 रुपये के भाव पर बंद हुए हैं। इसके शेयरों का एक साल का निचला स्तर 6.00 रुपये और एक साल का हाई 11.55 रुपये है।
देरी से सबसे तगड़ा झटका Vodafone Idea को
वोडाफोन आइडिया के शेयरों में टैरिफ हाइक में देरी के चलते दबाव दिख रहा है। हालांकि अब ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान लगाया है कि अगले साल चुनाव के बाद ही इसका टैरिफ बढ़ सकता है। कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक टैरिफ हाइक में देरी का सबसे तगड़ा झटका वोडाफोन आइडिया को ही लगेगा क्योंकि यह पहले से ही दिक्कतों से जूझ रही है। वहीं पिछले महीने फरवरी में गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने अनुमान लगाया था कि इस साल 2023 के मध्य में टैरिफ हाइक हो सकता है।
बंद भी हो सकती है वोडाफोन आइडिया
कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक आने वाले 12 महीनों में वोडाफोन आइडिया के पास 5500 करोड़ रुपये की नगदी घट सकती है। ब्रोकरेज फर्म का यह भी अनुमान है कि टैरिफ हाइक या फंड जुटाने में देरी के चलते वोडाफोन आइडिया की स्थिति इतनी खराब हो सकती है कि इसे बंद करने की नौबत आ जाए। इसके अलावा इसका यह भी मानना है कि टैरिफ हाइक में देरी के चलते मार्केट में सिर्फ दो टेलीकॉम कंपनियों-रिलायंस जियो और एयरटेल की मौजूदगी रहेगी।
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि वोडा-आइडिया को तत्काल नगदी राहत नहीं मिलने वाली है और वित्त वर्ष 2025-26 में इसी स्थिति में सुधार दिख सकता है। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक इसे 800-1000 करोड़ डॉलर की पूंजी की जरूरत है।
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