टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड अगले दो वर्षों में 150 अरब रुपये (1.8 अरब डॉलर) का कर्ज चाहती है। इसके लिए वह लेंडर्स के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी अपने ऑपरेशंस को मुनाफे में लाने की कोशिश कर रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी की योजना कुल मिलाकर 250 अरब रुपये का कर्ज जुटाने की है, जिसके तहत यह पहला कदम होगा। इस आय से ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को रीपे करने, 5जी नेटवर्क शुरू करने और अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने में मदद मिलेगी।
मामले की जानकारी रखने वालों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि FPO की सफलता के बाद वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक जैसे सरकारी बैंकों के साथ-साथ कुछ प्राइवेट बैंकों को अप्रोच किया है। कहा जा रहा है कि कर्ज देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक, सरकारी और प्राइवेट बैंकों के कंसोर्शियम की अगुवाई कर सकता है। वोडाफोन आइडिया को पैसा किस्तों में दिया जाएगा। बातचीत जारी है और जुटाए जाने वाले अमाउंट सहित बाकी की डिटेल्स में बदलाव हो सकता है।
25 अप्रैल को लिस्ट हुआ ₹18000 करोड़ का FPO
Vodafone Idea का 18000 करोड़ रुपये का फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर यानि FPO करीब 7 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसकी लिस्टिंग 25 अप्रैल को हुई। FPO में जीक्यूजी पार्टनर्स और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स जैसे निवेशकों ने भी पैसे लगाए। कंपनी का मार्केट कैप वर्तमान में 87891 करोड़ रुपये है। शेयर की कीमत 2 मई को बीएसई पर 13.22 रुपये थी।
इस साल की शुरुआत में, वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि वह 250 अरब रुपये का कर्ज जुटाने की योजना बना रही है क्योंकि वह भारत के वायरलेस बाजार में अपने कुछ खोए हुए ग्राहकों को फिर से हासिल करना चाहती है। भारतीय टेलिकॉम इंडस्ट्री में अभी रिलायंस जियो इनफोकॉम लिमिटेड का वर्चस्व है।