Vodafone Idea Shares: कर्ज के बोझ में डूबी हुई टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट की मांग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिस पर आज सुनवाई होनी थी। इस सुनवाई से पहले वोडा आइडिया के शेयरों पर निवेशक टूट पड़े और यह रॉकेट बन गया। हालांकि जब सरकार ने कोर्ट में कहा कि कंज्यूमर के हितों को देखते हुए इसका समाधान निकलना चाहिए तो शेयर फिर से उछल पड़े। इससे पहले शुरुआती कारोबारी में 2% से अधिक उछलने के बाद मुनाफावसूली में यह रेड जोन में आ गया था लेकिन इस मामले में सरकार के स्टैंड पर तो यह रिकवर होकर 12% से अधिक उछल गया।
इंट्रा-डे में बीएसई पर यह 12.36% उछलकर ₹8.82 तक पहुंच गया। हल्की-फुल्की मुनाफावसूली के बाद आज यह 7.13% की बढ़त के साथ ₹8.41 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में एक बार यह टूटकर रेड जोन में ₹7.81 तक आ गया था। एक कारोबारी दिन पहले यह ₹7.85 पर बंद हुआ था।
Voda Idea की याचिका पर क्या हुआ सुप्रीम कोर्ट में?
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने वोडा आइडिया से ₹9450 करोड़ के अतिरिक्त एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू (AGR) की मांग की है और इसी के खिलाफ कंपनी सुप्रीम कोर्ट पहुंची। इसे लेकर पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने वोडाफोन आइडिया की एजीआर याचिका पर सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख तय की थी। इस मामले में सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वोडा आइडिया में अब सरकार की भी अहम हिस्सेदारी है, तो आम लोगों के हितों को लेकर समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले को तत्काल विचार के लिए 26 सितंबर को फिर से लिस्ट किया जाए।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह वोडाफोन आइडिया की याचिका का विरोध नहीं कर रही है लेकिन कुछ सॉल्यूशन होने चाहिए जिस पर सुप्रीम कोर्ट के मंजूरी की जरूरत पड़ेगी। बता दें कि कंपनी में सरकार की 48.99% हिस्सेदारी है जिसे इसने ₹53,083 करोड़ की बकाया राशि को फरवरी 2023 और अप्रैल 2025 में दो किश्तों में इक्विटी में बदलने के बाद हासिल किया था।
वोडा आइडिया ने जो याचिका दायर की है, वह सुप्रीम कोर्ट के 18 मार्च, 2020 के आदेश से जुड़ा है जिसमें टेलीकॉम डिपार्टमेंट के वित्त वर्ष 2017 तक के एजीआर बकाए के कैलकुलेशन को सही माना गया और टेलीकॉम कंपनियों के किसी रीएसेसमेंट के आग्रह को खारिज कर दिया गया। इस फैसले के बावजूद अब टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2018 और वित्त वर्ष 2019 के लिए नए दावे उठाए हैं। इसे लेकर वोडाफोन आइडिया ने 8 सितंबर को जो याचिका दायर किया है, उसमें कहा है कि नए दावे का अधिकतर हिस्सा उस समय के दौरान का है, जिस समय के दौरान का मामला कोर्ट ने निपटा दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने अपना पक्ष रखने के लिए एक एफिडेविट पेश किया है। इसमें डिपार्टमेंट का कहना है कि यह कोई फिर से किया गया एसेसमेंट नहीं है बल्कि पिछली बार कैलकुलेशन में जो चीजें छूट गई थीं, वह हैं। टेलीकॉम डिपार्टमेंट का मानना है कि देनदारियां फाइनेंशियल अकाउंट्स पूरा होने के बाद आई हैं और सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के दायरे से बाहर है। ₹9,450 करोड़ के बकाए में से ₹2,774 करोड़ FY18-19 के वे बकाया हैं जो अगस्त 2018 में विलय के बाद वोडाफोन आइडिया और आइडिया ग्रुप को मिलाकर बनी कंपनी के हैं। वहीं ₹6,675 करोड़ मर्जर के पहले वोडाफोन ग्रुप से संबंधित हैं।
वोडा आइडिया का कहना है कि नए बकाए में ₹5606 करोड़ वित्त वर्ष 2017 तक का है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 फैसला सुना चुका है। ऐसे में वोडा आइडिया ने आग्रह किया है कि उन वर्षों के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट के नए दावों को रद्द किया जाए और एजीआर बकाए के फुल रिकॉन्सिलेशन का आदेश दिया जाए।
वोडा आइडिया की दिक्कतों पर पहले सरकार का ये था रुझान
सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर कम्युनिकेशंस चंद्रशेखर पेम्मासनी पहले ही कह चुके हैं केंद्र सरकार वित्तीय दबावों से जूझ रही वोडा आइडिया को कोई अतिरिक्त राहत नहीं देगी। उन्होंने वर्ष 2021 के राहत पैकेज का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जो कुछ भी करना चाहती थी, वह पहले ही हो चुका है। अब कंपनी अपने मैनेजनेंट पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि कि अब कंपनी यह जानती है कि कैसे सब कुछ मैनेज करना है और और इसे आगे बढ़ाना उन पर निर्भर है। वर्ष 2021 के राहत पैकेज के तहत ₹53,000 करोड़ के बकाये को इक्विटी में बदला गया था, जिससे केंद्र सरकार को कंपनी की 49% इक्विटी हिस्सेदारी मिली थी। 2 जुलाई को टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सीएनबीसी-टीवी18 से कहा था कि केंद्र की वोडाफोन आइडिया को सरकारी कंपनी में बदलने की कोई योजना नहीं है।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
वोडा आइडिया के शेयर पिछले साल 19 सितंबर 2024 को ₹13.02 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। इस हाई से यह 11 महीने में 53% फिसलकर 14 अगस्त 2025 को ₹6.12 पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।