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Stock Market Tips: रीसेंसी बायस के ट्रैप में फंसना निवेशकों के लिए क्यों नुकसानदेह, कैसे खा जाता है वेल्थ

बाजार हमेशा आपदा और उत्साह के बीच झूलते रहेंगे लेकिन दोनों ही स्थायी नहीं हैं। रीसेंसी बायस यह मानने की प्रवृत्ति है कि जो कुछ अभी हुआ है वह होता रहेगा। रीसेंसी बायस नेचुरल है, लेकिन यह हमें बड़ी तस्वीर को देखने से रोक देता है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Aug 24, 2025 पर 4:19 PM
Stock Market Tips: रीसेंसी बायस के ट्रैप में फंसना निवेशकों के लिए क्यों नुकसानदेह, कैसे खा जाता है वेल्थ
शेयर बाजार में रीसेंसी बायस रोजाना दिखाई देता है।

जिमीत मोदी, CEO और फाउंडर, SAMCO Securities

पिछले हफ्ते जब मुंबई में सदी की सबसे भारी बारिश हुई, तो कई निवासियों ने मान लिया कि अगले दिन भी बाढ़ आएगी। जब सालों में एक बार कोई प्लेन क्रैश होता है, तो यात्री महीनों तक उड़ान भरने से बचते हैं। वहीं कुछ ज्यादा सेफ खिड़की वाली सीटों के लिए एक्स्ट्रा पेमेंट करने के लिए भी संघर्ष करते हैं। निवेश में भी यही जाल दिखाई देता है। निवेशक सबसे हालिया घटना को ऐसे लेते हैं, जैसे कि वह नियति हो। फिर चाहे वह घटना कितनी भी दुर्लभ क्यों न हो। इसे रीसेंसी बायस कहते हैं।

रीसेंसी बायस यह मानने की प्रवृत्ति है कि जो कुछ अभी हुआ है वह होता रहेगा। हम लॉन्ग पैटर्न को नजरअंदाज करते हुए लेटेस्ट ईवेंट को ज्यादा महत्व देने लगते हैं। इसमें और बुरा यह है कि अक्सर बार-बार होने वाली घटनाओं के बजाय दुर्लभ, असाधारण घटनाएं ही हमारे फैसले पर हावी होती हैं।

रीसेंसी बायस के रोज के उदाहरण

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