Who is Dhaval Buch: हिंडनबर्ग रिपोर्ट में SEBI चेयरपर्सन के पति का भी उछला नाम, क्या करते हैं धवल बुच

Hindenburg New Allegations: माधबी पुरी बुच और उनके पति ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। धवल बुच को सप्लाई चेन और प्रोक्योरमेंट में 30 साल से अधिक का अनुभव है। वह यूनिलीवर के साथ 30 साल काम कर चुके हैं। वह वर्तमान में ब्लैकस्टोन और अल्वारेज एंड मार्सल में वरिष्ठ सलाहकार हैं

अपडेटेड Aug 12, 2024 पर 12:49 PM
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धवल बुच IIT, दिल्ली से साल 1984 में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर ग्रेजुएट हुए।

Who is Dhaval Buch: अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट में मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के साथ-साथ उनके पति धवल बुच पर भी आरोप लगे हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च ने व्हिसलब्लोअर डॉक्युमेंट के आधार पर आरोप लगाया है कि माधबी और धवल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल करके अदाणी समूह में कथित रूप से पैसों की हेराफेरी की गई और जिसका शेयरों की कीमत बढ़ाने में इस्तेमाल किया गया।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि धवल खुद को खरीद और सप्लाई चेन के सभी पहलुओं में गहरा अनुभव रखने वाला बताते हैं। पहले कभी रियल एस्टेट या पूंजी बाजार में किसी फंड के लिए काम नहीं करने के बावजूद भी वह जुलाई 2019 में ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्म और भारत के लिए बड़ी निवेशक ब्लैकस्टोन में "वरिष्ठ सलाहकार" के रूप में शामिल हो गए। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं धवल बुच और कहां-कहां कर चुके हैं काम...

IIT, दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियर


धवल बुच IIT, दिल्ली से साल 1984 में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर ग्रेजुएट हुए। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह वर्तमान में ब्लैकस्टोन और अल्वारेज एंड मार्सल में वरिष्ठ सलाहकार हैं। ब्लैकस्टोन में उनकी यह भूमिका जुलाई 2019 से है। वह गिल्डन के बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी हैं। जून 2019 से जुलाई 2019 तक वह ब्रिस्टलकोन के सीईओ और महिंद्रा समूह के लिए ग्रुप टेक्नोलॉजी के इंटरिम प्रेसिडेंट थे।

अल्वारेज एंड मार्सल पर मौजूद प्रोफाइल के मुताबिक, धवल बुच को सप्लाई चेन और प्रोक्योरमेंट में 30 साल से अधिक का अनुभव है। अल्वारेज एंड मार्सल से जुड़ने से पहले धवल ने यूनिलीवर के साथ 30 साल काम किया। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह यूनिलीवर में साल 2006 में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बने और जून 2019 तक कंपनी में थे। यूनिलीवर में उनकी आखिरी भूमिका चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर की थी।

अगोरा एडवायजरी से भी हैं जुड़े

वह अगोरा एडवायजरी प्राइवेट लिमिटेड के साथ पिछले 5 वर्षों से ज्यादा वक्त से फुल टाइम जुड़े हुए हैं। इसमें वह मई 2019 से सीनियर सप्लाई चेन स्पेशलिस्ट हैं। अगोरा एडवायजरी एक भारतीय कंसल्टिंग फर्म है, जिसका मालिकाना हक माधबी पुरी बुच के पास है।

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आरोपों पर क्या बोले बुच दंपति

माधबी पुरी बुच और उनके पति ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद हैं। इनमें जरा भी सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है। सभी आवश्यक खुलासे पहले ही वर्षों से सेबी को किए जा चुके हैं। हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेज का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है....।’’

बुच ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसी के जवाब में हमें ही घेरने और चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ण पारदर्शिता को ध्यान में रखकर, नियत समय में एक विस्तृत बयान जारी किया जाएगा।

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First Published: Aug 11, 2024 11:20 AM

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