WOL 3D IPO Listing: 3डी प्रिंटिंग कंपनी डब्ल्यूओएल 3डी के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 373 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 150 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 180.05 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 20 फीसदी का लिस्टिंग गेन (WOL 3D Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूटकर 171.05 रुपये (WOL 3D Share Price) पर आ गए। हालांकि फिर तेज रिकवरी हुई और यह 189.05 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 26.03 फीसदी मुनाफे में हैं।
WOL 3D IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
डब्ल्यूओएल का ₹25.56 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 23-25 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 373.86 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 101.24 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 748.81 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 368.47 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 21.78 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 2.52 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
नवंबर 1988 में बनी डब्ल्यूओएल 3डी इंडिया 3डी प्रिंटिंग से जुड़ी सर्विसेज मुहैया कराती है। इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में 3डी प्रिंटर्स, 3डी स्कैनर्स, लेजर एनग्रेवर्स और 3 डी पेन्स जैसे हार्डवेयर; 3डी फिलामेंट्स और 3डी रेजिन्स जैसे कंज्यूमेबल्स; 3डी प्रोटोटायपिंग सर्विसेज समेत अन्य सर्विसेज हैं। इसके दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और मुंबई में चार ब्रांच ऑफिस हैं। इसके साथ ही पुणे, चेन्नई, कोयंबटूर, राजकोट और नागरक्वॉइल में पांच फ्रेचाइजी ऑफिस हैं। इसकी मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी महाराष्ट्र के भिवंडी में है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2021 में इसे 88.03 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2022 में उछलकर 84.42 लाख रुपये पर पहुंच गया। हालांकि इसके बाद यह तेजी से बढ़ा और वित्त वर्ष 2023 में 2.41 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 5.03 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 33 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 40.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।