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Zee के शेयर 30% तक धराशायी हुए, Sony के साथ डील टूटने से लोअर सर्किट पर आया शेयर

Zee Entertainment Share Price: 23 जनवरी को शेयर बाजार खुलते ही ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयर धराशायी होकर 208.60 रुपए तक आ गए। इससे पहले सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी गई थी कि डील टूट गई है। जिससे निवेशकों ने अफरातफरी में जबरदस्त बिकवाली की

Pratima Sharmaअपडेटेड Jan 23, 2024 पर 8:46 PM
Zee के शेयर 30% तक धराशायी हुए, Sony के साथ डील टूटने से लोअर सर्किट पर आया शेयर
Sony-Zee Merger: डील के मुताबिक, मर्जर प्लान 21 दिसंबर, 2023 तक पूरा हो जाने की बात थी। लेकिन सोनी ने अब ये डील तोड़ दी है

Zee Entertainment Share Price: सोनी और ज़ी एंटरटेनमेंट के बीच विलय की डील टूटने से निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है। 23 जनवरी को जब सुबह बाजार खुलते ही ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरों ने 10 फीसदी गिरावट के साथ अपना लोअर सर्किट छू लिया। सुबह 9.19 मिनट पर ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयर धराशायी होकर 208.60 रुपए तक आ गए। हालांकि दिन जैसे जैसे आगे बढ़ा कंपनी के शेयरों में गिरावट बढ़ती गई। कारोबार के अंत में Zee Entertainment के शेयर 30.47 फीसदी गिरकर 160.90 रुपए पर बंद हुआ। फीसदी नीचे 169.90 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे।  इससे पहले सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी गई थी कि डील टूट गई है। जिससे निवेशकों ने अफरातफरी में जबरदस्त बिकवाली की।

Sony-Zee का विलय क्यों टूटा?

सोनी की दलील है कि डील पूरी होने की आखिरी तारीख खत्म हो गई है। इस हिसाब से मर्जर डील तोड़ दी गई है। इतना ही नहीं कंपनी ने 9 करोड़ डॉलर टर्मिनेशन चार्ज की भी मांग की है। सोनी का आरोप है कि ज़ी ने मर्जर को-ऑपरेशन एग्रीमेंट (MCA) का उल्लंघन किया है जिसकी वजह से 9 करोड़ डॉलर की पेनाल्टी मांगी गई है। हालांकि, सोनी ग्रुप (Sony Group) ने 22 जनवरी को अपने मर्जर को वापस लेने का ऐलान किया। मर्जर को लेकर मुख्य गतिरोध नई इकाई का पद CEO पद संभालने को लेकर था। हालांकि Zee Entertainment ने सोनी के दावे को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उसने टर्मिनेशन चार्ज चुकाने से भी मना कर दिया।

ज़ी ने रेगुलेटर को दी गई जानकारी में बताया है कि इस विलय पर 176.20 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में मर्जर से जुड़े कामकाज पर उसका खर्च 190.39 करोड़ रुपये था। डील पर साइन करने के बाद ज़ी ने सेबी, कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI), आरओसी (ROC) सहित तमाम रेगुलेटर ने मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) से भी इसकी हरी झंडी मिल गई थी और कंपनी ने मर्जर से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली थी।

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