बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने दो दिन पहले म्यूचुअल फंड्स के लिए एक नया नियम पेश किया है। इस पर मार्केट में चर्चा शुरू हो चुकी है। हालांकि ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) का कहना है कि अभी इस पर टिप्पणी करना उनके लिए थोड़ा जल्दबाजी होगा। सेबी के एग्जेक्यूशन ओनली प्लेटफॉर्म (EOPs) के लिए नए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के पर निखिल का कहना है कि अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन उन्हें भरोसा है कि यह निवेशकों और मार्केट पार्टिसिपेंट्स के हित की दिशा में उठाया गया कदम है।
मंगलवार 13 जून को सेबी ने म्यूचुअल फंड योजनाओं के डायरेक्ट प्लान के सब्सक्रिप्शन, रिडेम्प्शन और स्विच ट्रांजैक्शन्स के लिए एग्जेक्यूशन ओनली प्लेटफॉर्म (EOP) के तौर पर काम करने को नया रेगुलेशन जारी किया है। नए नियमों के मुताबिक अब सेबी या म्यूचुअल फंड्स की टॉप बॉडी AMFI से मंजूरी लिए बिना ईओपी के तौर पर काम नहीं कर सकेंगे। प्रॉपर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही ये प्लेटफॉर्म म्यूचुअल फंड्स के डायरेक्ट प्लान में ट्रांजैक्शन्स की सुविधा दे पाएंगे। इसके लिए डेडलाइन 1 सितंबर फिक्स की गई है। एग्जेक्यूशन-ओनली का मतलब ऐसी ट्रेडिंग सर्विस से है जिसमें सिर्फ ट्रेड्स की अनुमति है और इसमें क्लाइंट को सलाह नहीं दी जाती है कि इसमें निवेश को लेकर क्या रिस्क हैं या फायदे हैं या निवेशकों के हिसाब से है कि नहीं।
Zerodha के Nikhil Kamath का क्या कहना है इस पर
सेबी के नए नियम को लेकर निखिल कामत ने कहा कि अभी इस पर वह कुछ कह नहीं पाएंगे। कामत ने स्वीकार किया कि उनकी टीम अभी भी नए दिशा-निर्देशों को समझने की कोशिश कर रही है। सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसे लागू कैसे करना है, इसे लिए रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि जीरोधा भी डायरेक्ट प्लान ऑफर करती है। डायरेक्ट प्लान का मतलब ऐसा निवेश विकल्प है जिसके जरिए निवेशक डिस्ट्रीब्यूटर या ब्रोकर्स जैसे इंटरमीडियरीज के बिना म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।