चंकी पांडे अधिकतर फिल्में सेकेंड लीड किरदारों तक सीमित रहीं। समय के साथ, उनका करियर संघर्षपूर्ण दौर में पहुंच गया। स्थिति ऐसी हो गई कि चंकी पांडे ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहकर बांग्लादेश का रुख कर लिया, जहां उन्होंने प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया।(IMAGE SOURCE: INSTAGRAM)
हालांकि, उनकी अधिकतर फिल्में सेकेंड लीड किरदारों तक सीमित रहीं। समय के साथ, उनका करियर संघर्षपूर्ण दौर में पहुंच गया। स्थिति ऐसी हो गई कि चंकी पांडे ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहकर बांग्लादेश का रुख कर लिया, जहां उन्होंने प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया।(IMAGE SOURCE: INSTAGRAM)
वहीं, जो मुकाम चंकी पांडे अपने लंबे करियर में नहीं हासिल कर सके, उनकी बेटी अनन्या पांडे ने अपनी पहली ही फिल्म से कर दिखाया। अनन्या ने करण जौहर की फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 से बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री की और अपनी अलग पहचान बनाई।(IMAGE SOURCE: INSTAGRAM)
हाल ही में अनन्या ने अपने पिता की फिल्मों और अपने बचपन के कुछ अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि वह बचपन में अपने पापा की फिल्में देखने से बचती थीं। इसका कारण उनकी फिल्मों से जुड़ा एक डर था, जिसने उन्हें ट्रॉमाटाइज कर दिया था।(IMAGE SOURCE: INSTAGRAM)
यूट्यूब चैनल 'वी आर युवा' से बातचीत में अनन्या ने बताया कि वह इसलिए अपने पिता की फिल्में नहीं देखती थीं, क्योंकि उनमें अक्सर उनके किरदार की मौत हो जाती थी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "मुझे उनकी फिल्म डी कंपनी याद है, जिसमें उन्हें गोली लगती है और वह मर जाते हैं। यह देखकर मुझे लगता था कि यह सच में हो रहा है।"(IMAGE SOURCE: INSTAGRAM)
इस पर चंकी पांडे ने भी स्वीकार किया कि अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने कई ऐसी फिल्में कीं, जिनमें उनके किरदार का अंत बहुत दुखद होता था। उन्होंने बताया कि पाप की दुनिया जैसी फिल्मों में अपने किरदार को मरते देखना उनके लिए भी भावनात्मक रूप से कठिन था।(IMAGE SOURCE: INSTAGRAM)
आज अनन्या पांडे अपने अभिनय और मेहनत से बॉलीवुड में अपने पिता से कहीं आगे बढ़ चुकी हैं। वहीं, चंकी पांडे अपनी बेटी की सफलता पर गर्व महसूस करते हैं।(IMAGE SOURCE: INSTAGRAM)