Happy Diwali 2023: दीए जलाने से लेकर घरों को सजाने तक, इन 7 परंपराओं के बिना अधूरा है दिवाली का त्योहार

दिवाली अब सिर्फ कुछ ही दिनों की दूरी पर है। घर की सफाई में जुटा सारा परिवार अब शॉपिंग और उस दिन की सारी तैयारियों में मशगूल है। 12 नवंबर को बुराई की अच्छाई पर जीत के इस त्योहार को रोशनी के साथ मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस को दीओं की रोशनी से रोशन किया जाता है। जानिए इस त्योहार से जुड़ी खास सात परंपराएं जिनके बिना अधूरा है ये त्योहार-

अपडेटेड Nov 07, 2023 पर 14:29
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परिवार संग ऐसे मनाएं दीवाली का त्योहार, खुशी हो जाएगी दोगुना

माता लक्ष्मी की पूजा: दिवाली पर धन की और सौभाग्य की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। श्रद्धालु घरों, दुकानों और अपने काम की जगहों पर माता की पूजा करते हैं।

गिफ्ट्स एक्सचेंज करना: दिवाली पर फैमिलीज, दोस्त और रिश्तेदार एक दूसरे से मिलते हैं और दिवाली की बधाई देते हैं। इसके साथ ही अपने रिश्तों को प्यार की मजबूती देते हुए गिफ्ट्स एक्सचेंज किया जाते हैं।

घर की सजावट करना: परिवार मिलकर घर की सफाई करता है और घरों को फूलों की मालाओं और दीओं से सजाया जाता हैं। लोगों का मानना है कि देवी लक्ष्मी सिर्फ साफ घरों में ही अपने कदम रखती हैं।

दीए जलाकर घर को रोशन करना: दिवाली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन तेल के दीए भी जलाए जाते हैं। दीए जलाना बुराई पर अच्छाई की रोशनी से जीत है।

दावत और जश्न: दिवाली पर लोग मिठाई खाते और खिलाते हैं। इसके अलावा दोस्तों और परिवारों के लिए खास तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं।

रंगोली बनाना: बिना रंगोली ये त्योहार बिल्कुल फीका है। रंगों से अलग-अलग तरह के डिजाइंस से घर के अंदर, बाहर रंगोली बनाने की परंपरा है।

पटाखे चलाना: दिवाली पर फूलझड़ी, आतिशबाजी और पटाखे चलाना त्योहार का एक बड़ा हिस्सा है। दिल्ली जैसे बड़े शहरों में पटाखों पर थोड़ी पाबंदी होने की वजह से दिवाली को सिर्फ रोशनी तक सिमित कर दिया गया है। वायु प्रदूषण के बढ़ने की वजह से सरकार ने दिल्ली में पटाखे बैन किए हैं।