Syria Civil War : सीरिया में विद्रोहियों ने दमिश्क में राष्ट्रपति भवन पर अपना कब्जा कर लिया है। वहीं सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर जा चुके हैं (Photo Credit- AP Photo)
Syria War: मीडिल ईस्ट के सीरिया में लगभग पूरी तरह से तख्तापलट हो चुका है। विद्रोहियों ने दमिश्क में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही उन्होंने राजधानी पर भी कब्जा कर लिया है। (Photo Credit- AP Photo)
सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों की घेराबंदी की खबर मिलने के बाद राष्ट्रपति असद दमिश्क से विमान IL-76T से निकले थे, लेकिन अब वो कहां हैं, इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। (Photo Credit- AP Photo)
सीरिया में राजधानी में विद्रोही हवाई फायरिंग कर जीत का जश्न मना रहे हैं। सीरिया की सेना के कमांडरों ने औपचारिक रूप से घोषणा कर दी है कि मुल्क में राष्ट्रपति बशर अल असद का 24 सालों का तानाशाही शासन खत्म हो गया। विद्रोही गुट ने कहा कि सत्ता के हस्तांतरण तक पीएम जलाली देश का काम संभालेंगे। (Photo Credit- AP Photo)
रविवार को सरकारी टेलीविजन ने कुछ लोगों के एक समूह का वीडियो बयान प्रसारित कर कहा कि राष्ट्रपति बशर अल-असद को उखाड़ फेंका गया है और सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया है। (Photo Credit- AP Photo)
तख्तापलट होने के बाद सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा कि सरकार लोगों की ओर से चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ सहयोग करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, मैं अपने घर पर ही हूं, यहां से बाहर नहीं गया हूं और मेरा यहां से जाने का इरादा भी नहीं है। मैं यहां से शांतिपूर्वक तरीके से जाना चाहता हूं। (Photo Credit- AP Photo)
प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने सीरिया के सभी नागरिकों से देश के किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की है। जलाली का कहना है कि संपत्ति आपकी की ही है।(Photo Credit- AP Photo)
हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने एक बयान देते हुए कहा कि हम 12 दिसंबर 2024 से इस काले युग के अंत कर सीरिया में एक नए युग की शुरुआत की घोषणा करते हैं। एचटीएस ने कहा कि असद का तख्तापलट हो गया है अब देश में किसी एक का वर्चस्व नहीं रहेगा। (Photo Credit- AP Photo)
सीरिया का युद्ध 2011 में अल-असद के शासन के खिलाफ विद्रोह के रूप में शुरू हुआ और जल्दी ही एक पूर्ण संघर्ष में बदल गया जिसमें विदेशी ताकतें भी शामिल हो गईं। दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी संकटों में से एक में लाखों लोग मारे गए जबकि लाखों लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा। (Photo Credit- AP Photo)