Gold vs Nifty: सोना और निफ्टी 50, दोनों निवेशकों के पसंदीदा विकल्प हैं। एक पारंपरिक सुरक्षा का प्रतीक, तो दूसरा आधुनिक वेल्थ क्रिएशन का जरिया। लेकिन अगर पिछले 5 साल की बात करें, तो इनमें से किसने बेहतर रिटर्न दिया? हमने ₹5 लाख के निवेश पर इन दोनों एसेट्स का विश्लेषण किया है, ताकि आप समझ सकें कि आपको किसमें पैसा लगाना चाहिए।
सोने की कीमत 5 साल में 91% बढ़ी
जुलाई 2020 में मुंबई में 22 कैरेट सोने की कीमत ₹4,626 प्रति ग्राम थी, जो जुलाई 2025 में बढ़कर ₹8,861-₹9,000 प्रति ग्राम तक पहुंच गई। यानी अगर आपने ₹5 लाख उस समय फिजिकल गोल्ड में लगाए होते, तो आज उनकी वैल्यू ₹9.57 लाख से ज्यादा होती।
निफ्टी 50 ने दिया 135% का रिटर्न
Nifty 50 इंडेक्स भारत की टॉप 50 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। इसने 5 साल में 135.76% का रिटर्न दिया है। जुलाई 2020 में ₹5 लाख का निवेश अब ₹11.78 लाख हो गया होता। यानी लॉन्ग टर्म निवेश में इक्विटी ने गोल्ड को पीछे छोड़ा है।
हाल के महीनों में सोने की रफ्तार तेज रही
हालांकि 5 साल में निफ्टी ने बाजी मारी, लेकिन पिछले 12 महीनों की बात करें तो सोना शेयर बाजार से बेहतर प्रदर्शन कर चुका है। आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई की वजह से निवेशकों ने सेफ हेवन के रूप में गोल्ड को प्राथमिकता दी।
निफ्टी 50 ने दिखाया लॉन्ग टर्म वेल्थ का दम
जैसा ट्रेंड दिखा है, इक्विटी में लॉन्ग टर्म निवेश ने बड़ी वेल्थ क्रिएट की है। 5 साल में निफ्टी ने सिर्फ पूंजी को नहीं बढ़ाया, बल्कि टैक्स और लिक्विडिटी के लिहाज से भी निवेशकों के लिए बेहतर साबित हुआ।
Gold vs Stocks: निवेशकों का व्यवहार भी बदला
महंगाई और बाजार की अनिश्चितता में निवेशक अब अपनी रणनीति बदल रहे हैं। कुछ लोग गोल्ड को शॉर्ट टर्म सुरक्षा मानते हैं, तो वहीं कई लोग लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए इक्विटी की ओर झुकाव रखते हैं।
निवेशकों को किसमें लगाना चाहिए पैसा?
अगर आप फिक्स रिटर्न और सुरक्षा चाहते हैं तो गोल्ड एक विकल्प हो सकता है। लेकिन अगर आप लंबी अवधि में वेल्थ बनाना चाहते हैं, तो Nifty 50 जैसे इंडेक्स में SIP या डायरेक्ट निवेश ज्यादा असरदार साबित हो सकता है। हालांकि, निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।