रिफंड प्रोसेसिंग में ऐतिहासिक सुधार
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2025-26 में ITR प्रोसेसिंग और रिफंड जारी करने का औसत समय घटाकर 17 दिन कर दिया है। यह 2013 में 93 दिन था। सरकार का कहना है कि टेक्नोलॉजी और सिस्टम सुधार की बदौलत यह संभव हुआ।
10 दिन में प्रोसेस, कुछ घंटों में रिफंड
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया था कि 2023-24 में औसत प्रोसेसिंग समय 10 दिन पर आ गया है। कुछ टैक्सपेयर्स को 4 घंटे में रिफंड मिल चुका है, जो पहले कभी नहीं हुआ था।
ट्विटर पर टैक्सपेयर्स के अनुभव
17 जुलाई को एक टैक्सपेयर MK Nathan ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा कि उन्हें 24 घंटे में रिफंड मिल गया। उनका ITR 10 घंटे में प्रोसेस हुआ और 12 घंटे में पैसा अकाउंट में आ गया।
CBDT ने जताई खुशी
इन अनुभवों पर इनकम टैक्स विभाग ने जवाब देते हुए कहा कि वे ऐसी प्रतिक्रियाओं से खुश हैं। विभाग का कहना है कि लगातार सुधार के लिए वे टैक्सपेयर्स के फीडबैक को गंभीरता से लेते हैं।
ITR-1 को मिल रही प्राथमिकता
ITR-1 को सबसे पहले प्रोसेस किया जाता है क्योंकि इसमें डिटेल्स कम होते हैं। इसके बाद ITR-2 और ITR-3 की बारी आती है। इसलिए अगर आपकी फाइलिंग सिंपल है, तो रिफंड जल्दी मिलने की संभावना ज्यादा है।
सिस्टम अब ज्यादा सतर्क और सुरक्षित
रिफंड प्रक्रिया तेज होने के साथ-साथ अब अधिक सतर्क भी हो गई है। AIS और फॉर्म 26AS से मिलान कर टैक्स चोरी और फर्जी डिडक्शन को पकड़ा जा रहा है, जिससे कुछ मामलों में देरी भी हो रही है।
क्लेम गलत हुए तो हो सकती है देरी
जिन टैक्सपेयर्स ने गलत डिडक्शन क्लेम किए हैं या उनकी जानकारी अधूरी है, उनका रिफंड फंस सकता है। विभाग अब पुराने रिटर्न्स को भी खंगाल रहा है, जिससे प्रोसेस थोड़ा लंबा हो सकता है।
सुनिश्चित करें कि सारी जानकारी अपडेट हो
टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे अपना बैंक खाता प्री-वैलिडेट करें, पैन-आधार लिंकिंग की पुष्टि करें और फाइलिंग में कोई गलती हो तो तुरंत सुधार करें। देरी होने पर रिफंड पर ब्याज भी मिलता है।