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Home loan insurance: क्या होम लोन के साथ इंश्योरेंस लेना भी जरूरी है? क्या कहते हैं सरकार के नियम

Home loan insurance: क्या बिना इंश्योरेंस होम लोन नहीं मिलेगा? बैंक क्यों डालते हैं दबाव? RBI और IRDAI का नियम क्या कहता है? जानिए होम लोन इंश्योरेंस की पूरी सच्चाई, फायदे, नुकसान और विकल्प, ताकि आप फाइनेंशियल जाल से बच सकें।

अपडेटेड Aug 04, 2025 पर 08:00
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Home loan insurance: होम लोन लेते समय बैंक या वित्तीय संस्थाएं अक्सर बीमा लेने की सलाह देती हैं।

1. क्या अनिवार्य है होम लोन इंश्योरेंस?
होम लोन लेते समय बैंक या वित्तीय संस्थाएं अक्सर बीमा लेने की सलाह देती हैं। हालांकि, RBI और IRDAI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह अनिवार्य नहीं है। बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां बीमा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकतीं। ग्राहक अपनी मर्जी से पॉलिसी चुनने या न लेने का निर्णय ले सकते हैं। यह जानना जरूरी है ताकि कोई जबरन बीमा न बेच सके।

2. कैसे काम करता है होम लोन इंश्योरेंस?
यह बीमा उस स्थिति में कारगर होता है जब लोन अवधि के दौरान कर्ज लेने वाले की मृत्यु हो जाए। इस स्थिति में बीमा कंपनी बकाया लोन रकम बैंक को चुका देती है। इससे कर्जदार के परिवार को घर गंवाने की नौबत नहीं आती। यह प्रक्रिया टर्म इंश्योरेंस जैसी ही होती है, लेकिन लोन से लिंक्ड होती है। बीमा का मकसद परिजनों को कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी से मुक्त करना है।

3. क्या टर्म इंश्योरेंस बेहतर विकल्प है?
टर्म प्लान सामान्य रूप से होम लोन इंश्योरेंस से ज्यादा लचीले और सस्ते होते हैं। इनमें बीमा की रकम निश्चित रहती है। वहीं, होम लोन इंश्योरेंस में कवर लोन घटने के साथ घटता है। टर्म प्लान जीवन की अन्य जरूरतों को भी कवर करता है, सिर्फ लोन तक सीमित नहीं रहता। भुगतान के बाद भी यह एक्टिव रहता है, जो होम लोन इंश्योरेंस में नहीं होता। इसी कारण लंबी अवधि में सुरक्षा के लिए टर्म प्लान अधिक उपयुक्त माने जाते हैं।

4. होम लोन बीमा कब अलग से नहीं लेना चाहिए?
अगर आपने पहले से कोई टर्म प्लान लिया है जो लोन से जुड़ी जिम्मेदारियों को कवर करता है, तो दोबारा होम लोन बीमा लेने की जरूरत नहीं है। ऐसा करने से सिर्फ अतिरिक्त प्रीमियम खर्च होगा। वित्तीय सलाहकारों के अनुसार, डुप्लिकेट कवर का कोई व्यावहारिक लाभ नहीं होता। बीमा खरीदने का निर्णय हमेशा मौजूदा कवरेज और लोन रकम के अनुपात में होना चाहिए। फालतू खर्च से बचने के लिए पहले आकलन करें।

5. बीमा चुनते समय क्या ध्यान दें?
बीमा का चयन करते समय आपको अपनी आय, आश्रितों की संख्या और अन्य मौजूदा लोन को ध्यान में रखना चाहिए। अगर आपकी जिम्मेदारियां ज्यादा हैं और कोई लाइफ कवर नहीं है, तो बीमा जरूरी हो सकता है। वहीं, जिनके पास पहले से पर्याप्त सुरक्षा है, उनके लिए यह अतिरिक्त बोझ बन सकता है। पॉलिसी का टर्म लोन के टेन्योर से मेल खाना चाहिए। साथ ही, क्लेम प्रोसेस और कंपनी की विश्वसनीयता भी जरूर जांचें।

6. क्या होम इंश्योरेंस से मिलती है मानसिक शांति?
किसी भी बेहतर बीमा योजना से न केवल लोन सुरक्षित रहता है, बल्कि परिवार भी मानसिक रूप से आश्वस्त रहता है। अप्रत्याशित मृत्यु की स्थिति में उन्हें घर गंवाने का खतरा नहीं रहता। यह योजना लॉन्ग टर्म प्रॉपर्टी को बचाने में सहायक होती है। बीमा एक वित्तीय सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जो भविष्य की अनिश्चितताओं को कम करता है। इसीलिए सही पॉलिसी चुनना बेहद जरूरी है।