Personal loan myths: पर्सनल लोन को लेकर कई तरह की गलतफहमियां फैली हुई हैं। सही जानकारी के साथ अगर जिम्मेदारी से इस्तेमाल किया जाए तो यह बेहद उपयोगी फाइनेंशियल टूल साबित हो सकता है। आइए जानते हैं, पर्सनल लोन से जुड़े 6 बड़े मिथक और उनके पीछे की सच्चाई।
1. सिर्फ नौकरी और हाई क्रेडिट स्कोर जरूरी नहीं
यह धारणा गलत है कि पर्सनल लोन सिर्फ नियमित नौकरी वाले और अच्छे क्रेडिट स्कोर वालों को मिलता है। लोन मंजूरी में आय की स्थिरता, खर्च के बाद बचत और क्रेडिट हिस्ट्री को भी देखा जाता है। सही दस्तावेज होने पर सीनियर सिटिजन या सेल्फ-एम्प्लॉयड लोग भी पर्सनल लोन ले सकते हैं।
2. पर्सनल लोन सिर्फ इमरजेंसी के लिए नहीं
ज्यादातर लोग पर्सनल लोन को सिर्फ आपातकालीन जरूरतों के लिए मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आजकल लोन का इस्तेमाल पढ़ाई, घर की मरम्मत, छुट्टियों पर जाने या हाई-इंटरेस्ट वाले कर्ज को एक साथ चुकाने के लिए भी किया जाता है।
3. पर्सनल लोन के लिए गिरवी या गारंटर जरूरी नहीं
पर्सनल लोन बिना किसी सिक्योरिटी के दिया जाता है। इसमें प्रॉपर्टी या गोल्ड गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती। बैंक या लेंडर आपकी आय, कर्ज का बोझ और क्रेडिट स्कोर देखकर लोन अप्रूव करते हैं।
4. ब्याज दर हमेशा बहुत ज्यादा नहीं होती
पर्सनल लोन की ब्याज दर होम लोन या ऑटो लोन से थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन यह क्रेडिट कार्ड के मुकाबले काफी कम रहती है। जहां क्रेडिट कार्ड की ब्याज दर 36 से 45 फीसदी तक हो सकती है, वहीं पर्सनल लोन आमतौर पर 9.50 फीसदी सालाना से शुरू हो जाता है।
5. लोन प्रोसेस अब मुश्किल नहीं रहा
पहले पर्सनल लोन लेने की प्रक्रिया लंबी और जटिल मानी जाती थी, लेकिन अब डिजिटल चैनल्स की वजह से यह बेहद आसान हो गई है। अब कई बैंक और फिनटेक कंपनियां पेपरलेस प्रोसेस में इंस्टेंट अप्रूवल और अक्सर उसी दिन डिस्बर्समेंट की सुविधा देती हैं।
6. लोन लेने से क्रेडिट स्कोर हमेशा नहीं गिरता
लोग मानते हैं कि लोन लेने से क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है, जबकि हकीकत में समय पर किस्त चुकाने पर स्कोर सुधरता है। शुरू में हार्ड इन्क्वायरी के कारण स्कोर थोड़ा गिर सकता है, लेकिन समय पर पेमेंट करने से आपका क्रेडिट रिकॉर्ड मजबूत होता है।