Ram Lalla Surya Tilak: दोपहर 12 बजे होगा भगवान राम का सूर्य तिलक, रामनवमी पर अयोध्या में उमड़ी भक्तों की भीड़

Ram Lalla Surya Tilak: रामनवमी का त्योहार आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में सूर्य तिलक की तैयारी की गई है। दोपहर 12 बजे रामलाला का सूर्य तिलक किया जाएगा। इसके लिए मंदिर प्रशासन की ओर से ट्रायल किया जा चुका है। इससे पहले भी भगवान राम का सूर्य तिलक किया गया था

अपडेटेड Apr 06, 2025 पर 9:21 AM
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Ram Lalla Surya Tilak: रामलाल का 4 मिनट तक सूर्य तिलक किया जाएगा। इसे देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इसलिए इस माह की नवमी तिथि पर रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। रामनवमी से पहले अयोध्या पूरी तरह सज चुकी थी। इधर राम मंदिर में भी सुरक्षा को लेकर सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इसी बीच रामनवमी के पूर्व भगवान राम लला के ललाट पर भगवान सूर्य ने तिलक किया जाएगा। यह सूर्य तिलक आज (6 अप्रैल 2025) दोपहर 12 बजे किया जाएगा। इसके लिए मंदिर प्रशासन की ओर से ट्रायल भी किया जा चुका है। यह ट्रायल 90 सेकंड तक चला था।

इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम की विशेष पूजा-अर्चना होती है। साथ ही फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रभु श्रीराम की पूजा करने से जीवन में आ रहे दुख और संकट दूर होते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस दिन देशभर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। रामनवमी के दिन राम मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती जा रही है।

दोपहर 12 बजे होगा सूर्य तिलक


रामलला का आज दोपहर 12 बजे सूर्य तिलक किया जाएगा। यह सूर्य तिलक 4 मिनट तक चलेगा। यानी 12.04 बजे सूर्य तिलक खत्म हो जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 05 अप्रैल को शाम 07.26 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 06 अप्रैल को शाम 07.22 बजे तिथि खत्म होगी। ऐसे में 06 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम का अवतरण सूर्य वंश में हुआ था। सूर्य देव उनके कुल देवता हैं। भगवान राम का जन्म दोपहर के समय में हुआ था। इस दौरान सूर्य देव अपने पूर्ण प्रभाव में थे। इसलिए रामलला का सूर्य तिलक का विशेष महत्व है।

कैसे होगा सूर्य तिलक ?

बता दें कि मंदिर के ऊपर और फाउंडेशन में शीशा लगा है। सूर्य किरणें पहले फाउंडेशन के शीशे पर रिफ्लेक्ट करेंगी। फिर यहीं से ये किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पहुंचेंगी। इस पूरी प्रक्रिया में गियर मैकेनिज्म का इस्तेमाल किया गया है। इसकी मदद से शीशे पर पड़ने वाली किरण भगवान श्रीराम के ललाट पर पड़ेगी।

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First Published: Apr 06, 2025 9:13 AM

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